बिहार के सभी स्कूलों में पहले मंगलवार को मनाया जाएगा जल जीवन हरियाली दिवस

हर महीने के प्रथम मंगलवार को जल जीवन हरियाली दिवस आयोजन किया जाएगा। ये योजना बिहार के सभी विद्यालयों में लागू होगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 02:19 PM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 02:37 PM (IST)
बिहार के सभी स्कूलों में पहले मंगलवार को मनाया जाएगा जल जीवन हरियाली दिवस
बिहार के सभी स्कूलों में पहले मंगलवार को मनाया जाएगा जल जीवन हरियाली दिवस

पटना, जेएनएन। बिहार के सभी स्कलों में हर महीने के पहले मंगलवार को 'जल जीवन हरियाली दिवस' आयोजन किया जाएगा। इसके अनुपालन के लिए गुरुवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी किया है। इसके बाद बिहार के स्कूलों में अब हर महीने के पहले मंगलवार को 'जल जीवन हरियाली दिवस' मनाया जाएगा।

तीन मार्च को सुबह 11 बजे से होगी शुरुआत

विद्यालय स्तर पर प्रथम 'जल जीवन हरियाली दिवस' का आयोजन तीन मार्च को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान 'सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत पर बल' पर परिचर्चा आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम के प्रथम 15 मिनट में प्रतिभागियों को 'जल जीवन हरियाली अभियान' के 11 अवयवों के संबंध में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद चयनित विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।

बिहार दर्शन योजना के तहत छात्र-छात्राओं को कराया जाएगा भ्रमण

इसके साथ ही निजी विद्यालयों से भी कार्यक्रम आयोजित करने का विभाग ने अनुरोध किया है। सभी विद्यालयों की प्रधानाचार्य कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इसमें सभी छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। जिले में हर प्रखंड के दो सरकारी विद्यालयों के बच्चों को मुख्यमंत्री बिहार दर्शन योजना, मुख्यमंत्री छात्र-छात्रा परिभ्रमण योजना के अंतर्गत जिले में स्थित जलाशय, तालाब, आहर, पाइन, पोखर, चौर, नदी आदि का परिभ्रमण कराया जाएगा। जिससे छात्र-छात्राओं को काफी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हो सकेंगी।

शिक्षक व स्थानीय प्रतिनिधि बच्चों को बताएंगे जल संरचना की महत्ता

शिक्षक व स्थानीय प्रतिनिधि बच्चों को उस जल संरचना के महत्ता की जानकारी देंगे। कार्यक्रम की रिपोर्ट विभाग को भेजने के लिए प्रारूप भी उपलब्ध कराया गया है। इसे अनिवार्य रूप से कार्यक्रम के दूसरे दिन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् को प्रेषित करना होगा। इसकी मॉनीटरिंग और कार्यान्वयन के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

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