ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन अलर्ट, बक्सर कारा में किए गए ये खास इंतजाम

बक्सर जेल में नियमित रूप से संक्रमण निरोधक उपाय किए जा रहे हैं। मास्क सैनिटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य है। सभी कैदियों को अलग-अलग साबुन बांटे गए हैं। बाहर से आने वाले मुलाकातियों को भी वैक्सीन लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 04:57 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 04:57 PM (IST)
ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन अलर्ट, बक्सर कारा में किए गए ये खास इंतजाम
बक्सर में जेल की सुरक्षा के साथ-साथ कोरोना पर भी पहरा तेज। सांकेतिक तस्वीर

बक्सर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कारा में आवासित कैदियों की संख्या क्षमता से तकरीबन 20 फीसद ज्यादा है। ऐसे में जब कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने भारत में दस्तक दे दी है तो कारा प्रशासन बेहद सतर्क हो गया है। सबसे पहला लक्ष्य सभी कैदियों को वैक्सीनेट कराने का है। इसको लेकर जेल प्रशासन के द्वारा मुस्तैदी से काम किया जा रहा है। कारा में रह रहे शत-प्रतिशत कैदियों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। वहीं, तकरीबन 73 प्रतिशत कैदियों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। 

कारा अधीक्षक के मुताबिक तकरीबन 300 नए विचाराधीन बंदी कारा में पहुंचे हैं। जिन्होंने कोविड की पहली खुराक ली है उन्हें भी 15-20 दिनों के अंदर दूसरा डोज दिया जाना है। इसके अतिरिक्त नियमित रूप से संक्रमण निरोधक उपाय किए जा रहे हैं। मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग अनिवार्य है। सभी कैदियों को अलग-अलग साबुन बांटे गए हैं। बाहर से आने वाले मुलाकातियों को भी कोविड-19 वैक्सीन लेने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जो लोग वैक्सीनेटेड होने का प्रमाण पत्र दिखा रहे हैं उन्हें ही मुलाकात की अनुमति दी जा रही है। फिर भी यदि कोई मुलाकात की बीमारी आदि का बहाना बनाता है तो उसे दूसरी बार मुलाकात से पूर्व वैक्सीन ले लेने की नसीहत देते हुए ही मुलाकात कराई जा रही है।

क्वारंटीन तथा आइसोलेशन वार्ड की है व्यवस्था 

संक्रमण से सतर्कता का ही परिणाम है कि जो कैदी बाहर से आ रहे हैं उन्हें सर्वप्रथम 14 दिनों तक अंडा सेल में रखा जा रहा है। बाद में कोविड जैसा लक्षण (सर्दी-जुकाम आदि) प्रतीत होने पर उन्हें 10 कमरों के एक अलग वार्ड में क्वारन्टीन करने की व्यवस्था भी की गई है। दोबारा टेस्ट कराने पर यदि वह पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें अति उच्च सुरक्षा सेल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखने की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त जो सुरक्षाकर्मी भी दूसरे जिलों अथवा किसी अन्य विभाग से कार्य में आ रहे हैं, उन्हें कैदियों के सीधे संपर्क में आने की मनाही है। उनसे 15 दिन तक वाच टावर आदि पर ड्यूटी करने को कहा जाता है ताकि वह कैदियों के सीधे संपर्क में ना आएं हालांकि, प्रवेश के पूर्व ही उनकी कोविड जांच करा ली गई होती है तब ही उन्हें कारा में प्रवेश करने दिया जाता है। वर्तमान में कोई भी बंदी या कारा कर्मी संक्रमित नहीं हैं।

कारा अधीक्षक राजीव कुमार का कहना है कि, कोरोना के नए ओमीक्रोन वैरिएंट के आने के बाद कारा एवं सुधार विभाग के निर्देशानुसार कारा में सतर्कता को और भी बढ़ा दिया गया है। संक्रमण से बचाव के सभी एहतियात बरते जा रहे हैं। लगातार कैदियों व कारा कर्मियों को जागरूक करने के साथ ही मास्क, सैनिटाइजर व संक्रमण रोधी नियमों का अनुपालन कराया जा रहा है।

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