बिजली उपभोक्‍ताओं को प्रीपेड मीटर उपलब्‍ध कराना बना चुनौती, काम की गति है बेहद सुस्‍त

Electricity News Today 1.05 लाख विद्युत बिजली उपभोक्ताओं तक प्रीपेड मीटर लगाना बिजली कंपनी के लिए बड़ी चुनौती पटना सिटी डिवीजन में कई महीनों बाद भी महज 100 मीटर लगा सभी उपभोक्ताओं का नहीं बदला जा सका था इलेक्ट्रॉनिक मीटर

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 01:33 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 01:33 PM (IST)
बिजली उपभोक्‍ताओं को प्रीपेड मीटर उपलब्‍ध कराना बना चुनौती, काम की गति है बेहद सुस्‍त
प्रीपेड मीटर लगाने की योजना पर काम कर रही बिजली कंपनी (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)। जागरण

पटना सिटी, जेएनएन। Bihar Electricity News: पटना सिटी एवं गुलजारबाग विद्युत आपूर्ति प्रमंडल अन्तर्गत लगभग 1.05 लाख उपभोक्ताओं का प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) बदला जाना विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी। पहले चरण में कॉमर्शियल उपभोक्ताओं (Commercial Consumer) और बाद में घरेलू उपभोक्ताओं (Domestic Consumer) का मीटर बदलने की योजना है। पटना सिटी में महीनों पहले से चल रहे इस अभियान के दौरान अब तक महज 100 मीटर ही बदला गया है, जबकि यहां 51 हजार से अधिक हैं। गुलजारबाग प्रमंडल के लगभग 53 हजार उपभोक्ताओं के घर, दुकान में स्मार्ट मीटर लगाया जाना है।

इलेक्‍ट्रॉनिक मीटर की योजना टली, अब प्रीपेड ही लगेगा

मैनुअल मीटर को हटाकर इलेक्ट्रॉनिक मीटर बदले जाने का लक्ष्य अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का टास्क सामने आ गया है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर कई अर्थों में अधिक लाभकारी है। मोबाइल की तरह ही इसे अपनी जरूरत के मुताबिक रिचार्ज कराने की आजादी होगी। जितने घंटे या जितने दिन बिजली का इस्तेमाल नहीं होगा उतनी ऊर्जा बचने के साथ ही उपभोक्ता की राशि भी बचेगी।

बिजली की बर्बादी और चोरी पर लगेगा अंकुश

प्रीपेड मीटर लगाये जाने पर उपभोक्ता बिजली का महत्व समझते हुए इसे इस्तेमाल को लेकर अति गंभीर हो जाएंगे। अधिक व गलत बिजली बिल आने की शिकायत भी दूर होगी। विभाग व कार्यालय का चक्कर नहीं काटना होगाी। बिजली चोरी करने का गुनाह और पकड़े जाने वाले मिलने वाली सजा की अब चिंता ही खत्म हो जाएगी। उपभोक्ताओं के एक बड़े वर्ग ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि जब बिजली की बर्बादी और चोरी खत्म होगी तब सरकार को चाहिए कि प्रति यूनिट दर भी कम करे। ताकि कम आय वाले उपभोक्ताओं को भी बिजली की रोशनी मिल सके। इस अच्छी योजना के भी बीच में ही दम तोड़ने या फिर कोई नया मीटर का शिगूफा सामने आने की संभावना से विभागीय अधिकारियों को भी इनकार नहीं है।

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