परिवहन कार्यालय पहुंची जांच टीम, खंगाला निबंधन का डाटा

पटना। जिला परिवहन कार्यालय में व्याप्त अनियमितता व फर्जी तरीके से वाहनों का निबंधन किए जाने क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 07:55 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 07:55 AM (IST)
परिवहन कार्यालय पहुंची जांच टीम, खंगाला निबंधन का डाटा
परिवहन कार्यालय पहुंची जांच टीम, खंगाला निबंधन का डाटा

पटना। जिला परिवहन कार्यालय में व्याप्त अनियमितता व फर्जी तरीके से वाहनों का निबंधन किए जाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम ने मंगलवार से अपनी जांच शुरू कर दी है। टीम में उप सचिव शैलेंद्र नाथ, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी लाला ज्योति शाहदेव, मोटरयान निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह व मुख्यालय के आइटी प्रबंधक गौरव कांत शामिल हैं। टीम न एनआइसी के दफ्तर पहुंच पिछले साल के एक अप्रैल से निबंधित वाहनों का डाटा खंगालना शुरू किया है।

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जांच टीम को परिवहन कार्यालय में तैनात क्लर्क अमित गौतम के आतंक व घोटाले की पूरी सूचना सहयोगियों के माध्यम से मिली है। अमित तत्कालीन अधिकारी का सबसे करीबी था, जो भी उसकी शिकायत करता था, उसका वह तबादला करा देता था। उसके डर से कोई नहीं बोलता था। दफ्तर में ही नियमित रूप से पार्टी होती थी। इसके बाद अमित व एक अन्य क्लर्क एक अधिकारी के साथ कंप्यूटर खोलकर बैठते थे। सारा काम दफ्तर बंद होने के बाद रात के अंधेरे में होता था। अमित का संपर्क दलालों से था। दलाल ही बीएस-2 व बीएस-4 वाहनों के निबंधन के नाम पर ग्राहक को लाता था। एक चारपहिया वाहन के निबंधन के नाम पर डेढ़ से दो लाख रुपये वसूले जाते थे। इसमें से सरकार को एक पैसा भी राजस्व नहीं दिया जाता था। बीएस-2 के समय के खाली नंबरों को ऐसे वाहनों को निर्गत किया जाता था। चोरी की लक्जरी गाड़ियों को यहां से निबंधित कर पार्टी से मोटी रकम ली जाती थी। सूत्रों की मानें तो पिछले डेढ़ वर्षो में 300 से अधिक ऐसे वाहनों को फर्जी तरीके से निबंधित किया गया है। इसके साथ चोरी के भी दर्जनों ऐसे वाहन हैं, जिनका निबंधन हुआ है। पहले जांच टीम इसी वित्तीय वर्ष के निबंधित वाहनों की सूची खंगालना चाह रही थी, परंतु जब उन्हें सूचना मिली कि पिछले साल से ही यह खेल चल रहा है, तब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। ऐसी उम्मीद की जा रही कि इसी सप्ताह के अंत तक जांच टीम अपनी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त के सुपुर्द कर देगी।

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