बिहार में नई तकनीक से राशन वितरण में नया संकट, दुकानदारों बता रहे दिक्कतें पर विभाग की राय अलग
ई-पॉश मशीन नहीं पहचानती अंगूठे का निशान राशन लाभार्थी परेशान नवादा बांका सिवान सुपौल मधेपूरा पश्चिम चंपारण पूर्वी चंपारण अररिया पूर्णिया मुंगेर कैमूर एवं बक्सर जिले में राशन प्रणाली में कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी बनी चुनौती पीडीएस दुकानदारों की समस्या सुलझाने में जुटा खाद्य विभाग
पटना, दीनानाथ साहनी। बिहार के सभी 38 जिलों में लागू खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की कुल 48,824 दुकानों पर ई-पॉश मशीन लगाकर राशन देने की व्यवस्था की गई है, लेकिन इससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दर्जनभर जिलों में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना की राह मे इंटरनेट की कमजोर कनेक्टिविटी बड़ी बाधा बनने लगी है। 3456 शिकायतें ई-पॉश मशीनें ठीक से काम नहीं करने से जुड़ी हैं क्योंकि ये अंगूठे का निशान नहीं ले पाती। ऐसा दावा पीडीएस दुकानदारों और राशन उठाने वाले लाभुकों का है। लेकिन विभाग इससे इत्तेफाक नहीं रखता है। पॉश मशीनों से पारदर्शिता बढ़ी है और गलत हाथ में राशन जाने का खतरा कम हुआ है।
3.50 लाख परिवार नेत्र सत्यापन से हर माह उठा रहे अनाज
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने कहा कि इसका समाधान शीघ्र कर लिया जाएगा। जिलाधिकारियों को कहा गया है। अभी 8 करोड़ 60 लाख को सही मूल्य और मात्रा में अनाज दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आइरिस स्कैन से बिना संपर्क के लोग बायोमेट्रिक सत्यापन कर सकते हैं। औसतन साढ़े तीन लाख परिवार नेत्र सत्यापन कर हर माह अनाज लेते हैं। हर पॉश मशीन पर यह सुविधा उपलब्ध है। इसलिए बायोमेट्रिक की अनिवार्यता हटाने को कोई औचित्य नहीं है।
दर्जन भर जिलों से कनेक्टिविटी की समस्या
राशन प्रणाली के तहत अनाज योजना में किसी राज्य का उपभोक्ता दूसरे राज्य की किसी भी राशन दुकान से अपने हिस्से का अनाज उठा सकता है। प्रदेश में भी किसी जिले की किसी पीडीएस दुकान से अनाज का उठाव किया जा सकता है। नवादा, बांका, सिवान, सुपौल, मधेपूरा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, अररिया, पूर्णिया, मुंगेर, कैमूर एवं बक्सर जिलों के दुकानदारों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिक्कतें बताई हैं। इसके चलते बायोमीट्रिक आधारित प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीनों से खाद्यान्न का वितरण संभव नहीं हो पाता है।
दो-तीन बार चक्कर लगाने पर मिलता राशन
अररिया की जुबैदा खातून की शिकायत है कि जब ई-पॉश मशीन से राशन नहीं मिलता था तो मुझे भी राशन समय पर मिलता था, लेकिन जबसे ये मशीन वाला सिस्टम आया है तबसे दो-तीन बार दुकान का चक्कर लगाने के बाद राशन मिल पाता है।
रामप्रीत पासवान को नहीं मिला राशन कार्ड
नवादा के रामप्रीत पासवान की शिकायत कुछ अलग है। पहले उन्हें राशन मिलता था लेकिन उसके बाद में कहा गया कि राशन कार्ड बदला जा रहा है। उन्होंने दो-तीन फॉर्म की फोटोकॉपी लाकर फॉर्म भरे। मुखिया को दिए, मुखिया बोले कि आनलाइन आवेदन करो। यह भी करके देखा पर अभी तक कार्ड नहीं मिला।