बिहार विधानसभा में हुआ दिलचस्प प्रसंग, स्पीकर की जिज्ञासा और मंत्री के जवाब पर नीतीश ने किया हस्तक्षेप

बिहार के मंत्री आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से जुड़ा एक संशोधन विधेयक पेश कर चुके थे। वह इस विधेयक का उद्देश्य बता रहे थे। अध्यक्ष ने उस समय भी वैदिक गणित के बारे में पूछा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हस्तक्षेप करने के लिए उठे।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:42 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:42 PM (IST)
बिहार विधानसभा में हुआ दिलचस्प प्रसंग, स्पीकर की जिज्ञासा और मंत्री के जवाब पर नीतीश ने किया हस्तक्षेप
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना : विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की जिज्ञासा थी कि क्या आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में वैदिक गणित की भी पढ़ाई होगी। मानव संसाधन विकास मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जवाब दिया कि खगोल विद्या में सब है। वैदिक गणित भी है। विधानसभा में मंगलवार को यह दिलचस्प प्रसंग हुआ। चौधरी आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से जुड़ा एक संशोधन विधेयक पेश कर चुके थे। वह इस विधेयक का उद्देश्य बता रहे थे। उन्होंने नेनौ टेक्नोलाजी और स्टेम सेल टेक्नोलाजी के अलावा खगोल विद्या की भी नए विषय के रूप में चर्चा की। अध्यक्ष ने उस समय भी वैदिक गणित के बारे में पूछा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हस्तक्षेप करने के लिए उठे। विधानसभा अध्यक्ष ने तब भी जिज्ञासा प्रकट की। कोई जवाब नहीं मिला। फिर मानव संसाधन मंत्री बोलने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने तीसरी बार टोका तो जवाब मिला कि खगोल विद्या में सब है। ग्रहों की गणना है। इसमें वैदिक गणित भी है। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान-विज्ञान और अध्यात्म की धरती है। हम पुराने गौरव को हासिल करना चाहते हैं। 

विपक्षी सदस्य सदन में नहीं  थे मौजूद

इन विधेयकों के पारित होने के समय विपक्षी सदस्य सदन में नहीं थे। विधेयकों पर विपक्षी सदस्यों के संशोधन गैर-हाजिरी के कारण खारिज हो रहे थे। सब ध्वनिमत से हो रहा था। अध्यक्ष चाह रहे थे कि सदन में मौजूद सत्तारूढ़ दल के सदस्य जोर से हामी भरें। सदस्यों ने उनकी चाहत का सम्मान किया, जोर से हामी भरी। विजय चौधरी का कहना था कि सदस्यों ने इतनी जोर से हामी भरी है कि सभी प्रस्ताव एक साथ मंजूर किए जा सकते हैं। 

गैर-हाजिरी पर मंत्री ने ली चुटकी

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने विपक्ष के सदस्यों की गैर-हाजिरी पर चुटकी ली। कहा कि यह विपक्ष की भी मांग थी कि कोरोना के चलते पंचायतों के चुनाव नहीं हो रहे हैं। इसलिए निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए विधेयक पेश कर रही है तो विपक्ष के सदस्य सदन से गैर-हाजिर हैं।

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