गोबर गैस से चलेंगी गाड़‍ियां, पटना में लगने जा रहा बिहार का पहला प्‍लांट; बेचने की चिंता भी नहीं

Compressed Bio Gas Plant in Bihar सीएनजी का बिहार में भी उपयोग हो रहा है। पटना जिले में आठ सीएनजी स्टेशन हैं। उम्मीद है कि सीएनजी के बाद अब कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) का उत्पादन बिहार में वर्ष 2022 से शुरू हो जाएगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 09:33 AM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 09:33 AM (IST)
गोबर गैस से चलेंगी गाड़‍ियां, पटना में लगने जा रहा बिहार का पहला प्‍लांट; बेचने की चिंता भी नहीं
पटना में शुरू होगा कंप्रेस्‍ड बायो गैस का उत्‍पादन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। CBG Plant in Bihar: सीएनजी का बिहार में भी उपयोग हो रहा है। पटना जिले में आठ सीएनजी स्टेशन हैं। अब इस दिशा में बिहार एक कदम और आगे बढ़ा है। उम्मीद है कि सीएनजी के बाद अब कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) का उत्पादन बिहार में वर्ष 2022 से शुरू हो जाएगा। यह प्लांट पटना जिले के मसौढ़ी में लगने लगने वाला है। इसके लिए सिटीजन केयर ग्रुप के साथ आइओसी का करार हो चुका है। कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) का उपयोग तो हो रहा है, लेकिन दूसरे देशों से इसे लाना आसान नहीं होता। लिहाजा, अब पुआल, गाय के गोबर, मक्के के डंठल, मुर्गी फार्म के अपशिष्ट और नेपियर घास सहित अन्य कृषि अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) तैयार करने की ओर कदम बढ़ा है।

बिहार में पहले प्लांट की पड़ी नींव

बिहार में सीबीजी के पहले प्लांट की नींव पड़ चुकी है। मसौढ़ी में इसका प्लांट लगने जा रहा है। इस प्लांट से उत्पादित बायो गैस की खरीद के लिए सिटीजन केयर ग्रु़प और इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड के बीच करार भी हो चुका है। सिटीजन केयर ग्रुप के सीईओ चंदन कुमार ने कहा कि बिहार में सीबीजी यह पहला प्लांट होगा। वर्ष 2022 में इससे बायो गैस का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

गोबर, मक्के के डंठल व नेपियर घास से बनेगी कम्प्रेस्ड बायो गैस वर्ष 2022 से उत्पादन होने की उम्मीद, आइओसी करेगी खरीद 30 हजार प्लांट भारत में लगने पर भी कच्चे माल की नहीं होगी कमी 15 करोड़ रुपये प्लांट लगाने में आएगी लागत, 70 फीसद ऋण 2 करोड़ रुपये का मिलेगा अनुदान, ढाई एकड़ जमीन की जरूरत

इस तरह फायदेमंद है सीबीजी प्लांट

सीबीजी प्लांट बिहार के लिए नया है। ऐसे प्लांट में उत्पादित सीबीजी को बेचना नहीं है, बल्कि सरकारी तेल एवं गैस कंपनियां इसे खरीदेंगी। विषय के जानकार व आइआइटी नई दिल्ली के मैकेनिकल इंजीनियर राजू गुप्ता का कहना है कि यूरोप में 12 हजार से ज्यादा सीबीजी प्लांट हैं, जबकि वहां की तुलना में हमारे यहां अधिक अनाज, फल, सब्जी, गोबर का अपशिष्ट बर्बाद हो रहा है। भारत में 30 हजार प्लांट लगने पर भी कच्चे माल की कमी नहीं होगी और सीबीजी उत्पादन में भारत विश्व में नंबर वन बन सकता है।

15 करोड़ रुपए है लागत, 70 फीसद तक मिलेगा लोन

कुल लागत करीब 15 करोड़ रुपये। प्राथमिक क्षेत्र के तहत 70 फीसद ऋण मिल सकेगा। ढाई एकड़ जमीन चाहिए। दो करोड़ रुपये अनुदान है। ऐसे प्लांट 'सतत' स्कीम के तहत आएंगे और उत्पादन सरकारी तेल एवं गैस कंपनियां खरीदेंगी। इस क्षमता वाले प्लांट से ढाई टन प्रतिदिन बायो गैस का उत्पादन संभव होगा। उत्पादन खर्च लगभग 34 रुपये प्रति किलो आएगा। लगभग 46 रुपये प्रति किलो तेल एवं गैस कंपनियां इसे खरीदेंगी। इस तरह से करीब 12 रुपये प्रति किलो तक बचत होगी।

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