एलोपैथ के डॉक्टर नहीं चाहते आयुर्वेद वाले भी करने लगें सर्जरी, कहा-इससे मरीज की जान को खतरा
आयुर्वेद स्नातकों को सर्जरी की अनुमति देने का आइएमए की बिहार शाखा ने किया विरोध सरकार को पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार करने का किया अनुरोध मांग नहीं माने जाने पर दी प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी केंद्र सरकार ने हाल में ही दी थी अनुमति
पटना, जेएनएन। एलोपैथ के डॉक्टर नहीं चाहते कि आयुर्वेद की डिग्री वाले भी सर्जरी करने लगें। उनका दावा है कि आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है। वे सर्जरी करेंगे तो मरीज को खतरा हो सकता है। भारत सरकार (Government of India) द्वारा आयुर्वेद स्नातकों (Ayurveda Graduate) को सर्जरी यानी ऑपरेशन (Surgery) की अनुमति देने का बिहार में विरोध शुरू हो गया है। बिहार की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने राज्य सरकार को एक पत्र लिख अपना विरोध दर्ज कराया है। साथ ही सरकार को राज्यव्यापी आंदोलन (State level Protest) की चेतावनी (Warning) भी दी है।
कुछ ही दिनों पहले आयुर्वेद वाले डॉक्टरों को मिली सर्जरी करने की अनुमति
अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को भी शल्य क्रिया की अनुमति दी है। इंडियन मेडिकल कमीशन के सदस्य और आइएमए बिहार के अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने इसका विरोध किया है। डॉ. सिंह ने कहा कि देश के अप्रशिक्षित आयुर्वेद डॉक्टरों को शल्य प्रक्रिया की अनुमति देना उचित नहीं। उन्होंने कहा शल्य प्रक्रिया कितनी भी छोटी क्यों ना हो, उसके लिए एक समुचित सेटअप के साथ ही उचित प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर, सहायकों के अलावा निश्चेतक की जरूरत होती है। ये जरूरतें अच्छा मेडिकल संस्थान और योग्य डॉक्टर ही पूरी कर सकता है। लेकिन बिना किसी उचित प्रशिक्षण के आयुर्वेद स्नातकों को सर्जरी की अनुमति देने का फैसला सही नही हैं।
केंद्र से किया फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध, आंदोलन की दी चेतावनी
डॉ. सिंह ने फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह करते सरकार से कहा है कि सरकार लोगों की प्राण रक्षा के लिए अपने फैसले पर विचार करे। उन्होंने आने पत्र में कहा है कि यदि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नही करती है तो ऐसे हालात में आइएमए अपने सहयोगी संगठन एमएसएन और जेडीएन के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन करेगा। इस दौरान मरीजों और आमजनों को जो भी परेशानी होगी उसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।