नीतीश कुमार, ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी, गोपालगंज में तनाव

नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तथा जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी की गई है। मामला गोपालगंज के भोरे का है। पोस्ट के बाद भोरे में तनाव पैदा हो गया।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:52 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:52 PM (IST)
नीतीश कुमार, ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी, गोपालगंज में तनाव
बिहार सीएम नीतीश कुमार, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह। जागरण आर्काइव।

संवाद सूत्र, भोरे (गोपालगंज) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह तथा जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी की गई है। मामला गोपालगंज के भोरे का है। पोस्ट के बाद भोरे में तनाव पैदा हो गया है। मामले में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष ने एक युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। 

जदयू कार्यकर्ताओं में आक्रोश

बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के नदवां गांव निवासी मैनेजर यादव का पुत्र अरविंद यादव ने अपने फेसबुक वाल पर एक पोस्ट किया गया है, जिसमें ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सीएम नीतीश कुमार, जदयू अध्यक्ष और उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ अभद्र कमेंट्स किया गया है। यह पोस्ट सामने आने के बाद से जदयू कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया है। इस मामले में जदयू के प्रखंड अध्यक्ष विंदा सिंह कुशवाहा ने थाने में अरविंद यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। गौरतलब है कि बिहार में नेताओं के खिलाफ पहले भी अभद्र टिप्पणी की जाती रही है। मामले में पुलिस कार्रवाई भी करती है। 

हाल ही में बिहार सरकार ने एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि इंटरनेट मीडिया से सरकार, मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं सरकारी पदाधिकारियों के संबंध में आपत्तिजनक या अभद्र टिप्पणियां साइबर अपराध की श्रेणी में आएगीं। ऐसा करने पर जेल की हवा भी खानी पड़ेगी। राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक को ये आदेश जारी किया गया था। इस आदेश ने राजनीतिक रंग भी ले लिया था। नीतीश सरकार के आदेश के बाद नेता प्रतिपक्ष व राजद विधायक तेजस्वी यादव ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। वहीं बीजेपी ने एनडीए सरकार के इस कदम को यह कहते हुए सही बताया था कि असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।  

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