बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट के नाम पर बैंक को लगाया करोड़ों का चूना, दिल्ली से जुड़े तार
सीबीआइ ने बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के मामले में दिल्ली की एक बायोटेक कंपनी आम्रपाली बायोटेक के निदेशक समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआइ को पंजाब नेशनल बैंक की ओर से लिखित शिकायत की गई थी।
राज्य ब्यूरो, पटना : सीबीआइ (सेंट्रल ब्यरो आफ इंवेस्टिगेशन) ने शुक्रवार को बैंक को करोड़ों रुपये का चूना लगाने के मामले में दिल्ली की एक बायोटेक कंपनी आम्रपाली बायोटेक के निदेशक समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआइ को पंजाब नेशनल बैंक की ओर से लिखित शिकायत की गई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार, आम्रपाली बायोटेक ने बक्सर जिले के नावानगर और नालंदा जिले के राजगीर में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक से 47.97 करोड़ रुपये का बैंक कर्ज लिया। कंपनी ने अपने आवेदन में बैंक को बताया था कि वह राजगीर और नावानगर में जैम, सॉस, पिकल्स और कार्नफ्लेक्स जैसे फूड प्रोडेक्ट के लिए यूनिट लगाना चाहती है।
यह भी जानें
- बक्सर के नावानगर और नालंदा के राजगीर में स्थापित होने थी यूनिट
- 48 करोड़ का लिया कर्ज लिया, यूनिट न लगाकर निजी काम में उड़ाया
- सीबीआइ ने आम्रपाली बायोटेक समेत पांच अन्य पर मुकदमा दर्ज किया
बैंक कर्ज का दुरुपयोग किया
सीबीआइ की सूचना के अनुसार, बैंक से करीब 48 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद आम्रपाली बायोटेक ने न तो नावानगर में यूनिट लगाई और न ही राजगीर में। उसने बैंक कर्ज का दुरुपयोग किया और राशि अपने निजी कार्यों में खर्च की। शुरुआती दौर में बैंक का ब्याज वगैरह मिलता रहा, लेकिन बाद में शंका होने पर बैंक ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद सीबीआइ ने मामले की जांच प्रारंभ की। जांच और सर्च के दौरान सीबीआइ को बैंक फ्राड के पुख्ता प्रमाण प्राप्त हुए। एक जुलाई, 2016 तक इस कंपनी के पास मूल और ब्याज मिलाकर 35.25 करोड़ रुपये बकाया था।
इन लोगों को सीबीआइ ने बनाया है आरोपी
सीबीआइ ने इस मामले में आज इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। प्राथमिकी में मेसर्स आम्रपाली बायोटेक इंडिया प्रा. लि. दिल्ली के अलावा सुनील कुमार, सुधीर कुमार चौधरी, राम विवेक सिंह, सीमा कुमार और सुनीता कुमार को आरोपी बनाया गया है।