स्वास्थ्य मंत्री ने किया आइजीआइएमएस की घुटना प्रत्यारोपण यूनिट का शुभारंभ

पटना। अब राज्य के मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण के लिए ज्यादा खर्च व दूर जाने की जरूरत नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 02:02 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 02:02 AM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री ने किया आइजीआइएमएस की घुटना प्रत्यारोपण यूनिट का शुभारंभ
स्वास्थ्य मंत्री ने किया आइजीआइएमएस की घुटना प्रत्यारोपण यूनिट का शुभारंभ

पटना। अब राज्य के मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण के लिए ज्यादा खर्च व दूर जाने की जरूरत नहीं होगी। शनिवार को इंदिरा गाधी आयुíवज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने घुटना प्रत्यारोपण इकाई का उद्घाटन हुआ। इस दौरान दीघा विधायक संजीव चौरसिया, संस्थान के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास, चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल भी थे। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि छह बेड के ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट इकाई खुलने से यहा मरीजों को काफी राहत होगी। मरीजों को फिजियोथेरेपी के लिए पूरी व्यवस्था रहेगी। इसके लिए यहां कई आधुनिक उपकरण भी यहा लगे हैं। यह हड्डी रोग इकाई से अलग यूनिट होगी, जहा सिर्फ जोड़ और घुटना प्रत्यारोपण से संबंधित मरीज भर्ती होंगे। यह इकाई तीसरे तल के पिछले हिस्से में खुला है। इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने आइजीआइएमएस के अतिथि गृह के पहले मंजिल का भी शुभारंभ किया। अब आइजीआइएमएस के गेस्ट हाउस में कमरे और बढ़ गए हैं। इससे यहां आने वाले अतिथियों को परेशानी का सामना नहीं करना होगा। तंबाकू के खिलाफ अभियान में एकजुट हुए देशभर के डॉक्टर

पटना। राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो-इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीड्स) ने शनिवार को तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) में होने वाले संशोधनों पर ऑनलाइन राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन किया। इसमें देश के 250 से ज्यादा प्रख्यात चिकित्सकों ने अपने तर्क देते हुए कोटपा अधिनियम में संशोधन को जरूरी बताया। सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने इसके नुकसानों की जानकारी देते हुए तंबाकू उद्योग के बढ़ते प्रभाव व हस्तक्षेप को कम करने की भी जरूरत बताई।

द यूनियन साउथ ईस्ट एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राणा जे. सिंह ने बताया कि देश में हर वर्ष तंबाकूजनित रोगों से 13 लाख लोगों की मृत्यु होती है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजीत सिंह ने कोटपा संशोधन अधिनियम एवं उनके प्रावधानों की जानकारी दी। एम्स काíडयोलॉजी के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी ने संशोधन का समर्थन करते हुए इसे जल्द संसद से पेश कराने पर जोर दिया। डॉ. प्रकाश चंद्र गुप्ता ने बताया कि पान मसाला सहित तंबाकू उत्पादों में कई हानिकारक रसायन पाए जाते हैं जो गंभीर रोगों की आशंका बढ़ाते हैं। ऐसे में कोटपा कानून को और सख्त करने की जरूरत है।

परिचर्चा में डब्ल्यूएचओ के पूर्व क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. धीरेंद्र सिंह, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के डॉ. विक्रात मोहंती, इंदौर के डॉ. बृजमोहन श्रीवास्तव, दिल्ली आइएमए के डॉ. प्रीतम पंकज समेत 17 राज्यों से करीब 250 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया।

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