10 दिनों में दो धमाके: बिहार में हुई घटनाओं ने खड़े किए सुर‍क्षा एजेंसियों के कान, आतंकी कनेक्‍शन पर नजर

बिहार में दस दिनों में हुए दो धमाकों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। पहले बांका फिर दरभंगा में हुए विस्‍फोट का आतंकी कनेक्‍शन देखा जा रहा है। इस मामले में तेलंगाना एटीएस की भी ली जाएगी मदद।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:15 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:15 AM (IST)
10 दिनों में दो धमाके: बिहार में हुई घटनाओं ने खड़े किए सुर‍क्षा एजेंसियों के कान, आतंकी कनेक्‍शन पर नजर
दरभंगा जंक्‍शन पर ब्‍लास्‍ट के बाद जांच करते अधिकारी। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। जून में महज 10 दिनों के अंतराल पर राज्‍य में हुए दो विस्फोट ने पुलिस-प्रशासन को फिर से अलर्ट कर दिया है। सबसे पहले आठ जून को बांका के नवटोलिया स्थित मदरसे में विस्फोट हुआ जिसमें इमारत ढहने के साथ इमाम की मौत हो गई थी। वहीं 17 जून को दरभंगा जंक्शन पर सिकंदराबाद एक्सप्रेस से उतारे जा रहे कपड़े के पार्सल में धमाका हुआ। यह दोनों ही घटनाएं देखने में छोटी हों मगर पुलिस मुख्यालय इसकी गंभीरता से जांच में जुटा है। 

एटीएस की टीम गंभीरता से जुटी है जांच में

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आतंकी कनेक्शन के शक में बिहार का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) जांच में जुटा है। इस मामले में तेलंगाना एटीएस की भी मदद जाएगी। सिकंदराबाद से पार्सल आने के बाद पुलिस ने तेलंगाना एटीएस से भी सहयोग के लिए संपर्क किया है। इधर, बिहार एटीएस ने शनिवार को भी घटनास्थल का मुआयना किया और स्थानीय पुलिस अफसरों से केस से जुड़ी जानकारी ली। 

सिकंदराबाद गई है बिहार पुलिस

दरभंगा जंक्शन पर हुए विस्फोट की जांच के लिए बिहार पुलिस की एक टीम सिकंदराबाद गई है। टीम उस पते की तलाश करने गई है, जहां से दरभंगा के लिए पार्सल की बुकिंग हुई थी। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि सिकंदराबाद से इस पते पर इससे पहले और कितने पार्सल भेजे गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर इसका कोई आतंकी कनेक्शन नहीं भी है, तो यह जानना जरूरी है कि कपड़ों के बीच में छिपाकर क्यों विस्फोटक सामग्री दरभंगा लाई जा रही थी। 

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शीशी में मिला केमिकल खोलेगा राज

बांका ब्लास्ट मामले में पुलिस-प्रशासन ने प्रथम दृष्टया आंतकी कनेक्शन से इन्कार करते हुए इसे देसी बम ब्लास्ट बताया है। हालांकि एफएसएल और एटीएस की टीम ने विस्फोटक के सैंपल लिए हैं। इसी तरह दरभंगा विस्फोट में भी शीशी के अंदर किसी केमिकल के कारण विस्फोट की बात सामने आ रही है। यहां भी सैंपल लिया गया है। एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट के लिए इस्तेमाल किए गए केमिकल काफी हद तक जांच की दिशा तय करेंगे। 

2013 में हुआ था बोधगया व पटना ब्लास्ट

बिहार पहले भी आंतकियों के निशाने पर रहा है। खासकर 2013 में महज चार माह के अंतराल पर पहले बोगधया और फिर पटना के गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इन दोनों ही घटनाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) की जांच में आतंकी हमला माना गया था। बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट मामले में एनआइए कोर्ट ने पांच आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। वहीं पटना बम ब्लास्ट मामले में 10 आरोपित पकड़े गए हैं, जिनकी सुनवाई जारी है।

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