बिहार में आउटसोर्सिंग से नियुक्ति पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने लगाई रोक, इस वजह से लेना पड़ा ऐसा निर्णय

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में आउटसोर्सिंग से बहाली पर रोक लगा दी गई है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अधीक्षक को इस संबंध में निर्देश दिया है। वहीं मुजफरपुर सीएस कार्यालय में हुई बहाली पर सीएस से जवाब-तलब किया है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:59 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:56 AM (IST)
बिहार में आउटसोर्सिंग से नियुक्ति पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने लगाई रोक, इस वजह से लेना पड़ा ऐसा निर्णय
बिहार में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने आउटसोर्सिंग से बहाली पर लगाई रोक। प्रतीकात्‍मक फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) ने मुजफ्फरपुर के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों (Medical College and Hospital) के प्राचार्यों व अधीक्षकों को आउटसोर्स‍िंग के माध्यम से नियुक्तियों (Appointment from Outsourcing) पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर में नियुक्तियों में हेराफेरी की शिकायत मिलने के बाद वहां के सिविल सर्जन से जवाब-तलब किया है। 

26 जुलाई तक के लिए ही की जानी है नियुक्ति

विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने शनिवार को जारी आदेश में कहा है कि कोरोना महामारी नियंत्रण के लिए मानव बल की नियुक्ति आउटसोर्स‍िंग के माध्यम से सिर्फ 26 जुलाई तक के लिए ही की जानी है। इसलिए समय अब बहुत कम बचा हुआ है। ऐसे में जिन जिलों में अभी तक मानव बलों की आउटसोर्स‍िंग पर बहाली की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, उन जिलों में इसे रोक दिया जाए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोरोना महामारी नियंत्रण के लिए मानव बलों को शिफ्ट के अनुसार तय राशि के आधार पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सेवा ली जाएगी।

मुजफ्फरपुर सीएस कार्यालय में हुई गड़बड़ी 

एक अन्य आदेश के तहत स्वास्थ्य विभाग ने मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन (Muzaffarpur Civil Surgeon) पर आउटसोर्सिंग नियुक्ति में अनियमितता को लेकर शिकंजा कस दिया है। दरअसल, मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी की स्वास्थ्य विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में सूचित किया गया है कि सिविल सर्जन कार्यालय में डाटा इंट्री आपरेटर एवं अन्य स्वास्थ्य कर्म‍िंयों को दैनिक आधार पर रखने में नियमों व मानकों की अनदेखी की गई है। बता दें कि मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन ने 16 जून को काम पर लगाए गए मानव बल की सेवा को निरस्त कर दिया था। इसके बाद फिर उनको 18 जून को नियुक्त कर दिया गया। डीएम ने जब इसकी रिपोर्ट भेजी तो गड़बड़ी की शिकायत की। इसके बाद विभाग ने पूरे प्रकरण में मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन से 48 घंटों के अंदर स्पष्टीकरण तलब किया है। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। 

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