बिहार के वाहन मालिकों के लिए जरूरी खबर, तीन गुना तक बढ़ सकता है पुरानी गाड़ियों के लिए फिटनेस टेस्ट शुल्क
Bihar Motor Vehicle Owners Attention नई गाड़ियों की तुलना में 15 साल पुरानी गाड़ियों का फिटनेस प्रमाण पत्र लेने और रजिस्ट्रेशन कराने में वाहन मालिकों को अधिक पैसे खर्च करने होंगे। स्क्रैप पालिसी के बाद गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन शुल्क व फिटनेस दर तय किया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Motor Vehicle Scrap Policy: पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई नई स्क्रैप पालिसी जल्द ही बिहार में भी लागू हो सकती है। परिवहन विभाग के अधिकारी इससे जुड़ा प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। इसके लागू होने के बाद नई गाड़ियों की तुलना में 15 साल पुरानी गाड़ियों का फिटनेस प्रमाण पत्र लेने और रजिस्ट्रेशन कराने में वाहन मालिकों को अधिक पैसे खर्च करने होंगे। स्क्रैप पालिसी के बाद गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन शुल्क व फिटनेस दर तय किया गया है।
मोटरसाइकिल रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल में लगेगा दोगुना चार्ज
अगर कोई पुरानी मोटरसाइकिल को स्क्रैप कर नई गाड़ी लेंगे तो मैनुअल चलने वाली मोटरसाइकिल के फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए मात्र 400 तो सेल्फ वाली मोटरसाइकिल के लिए 500 रुपये देने होंगे। वहीं अगर कोई 15 साल पुरानी मोटरसाइकिल चलाना चाहते हैं तो उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए 1000 रुपये देने होंगे। तीन पहिया वाले या हल्के मोटरयान वाली गाड़ी को स्क्रैप करवाकर अगर कोई नई गाड़ी खरीदेंगे तो उन्हें मैनुअल गाड़ी में मात्र 800 तो सेल्फ वाली गाडिय़ों के फिटनेस मद में 1000 रुपये देने होंगे।
हल्के मोटर वाहनों के लिए 7500 रुपए तक फिटनेस शुल्क
कोई 15 साल पुरानी तीन पहिया गाड़ी चलाना चाहेंगे तो उन्हें फिटनेस के लिए तीन गुना अधिक 3000 रुपये देने होंगे। इसी तरह 15 साल पुराने हल्के मोटर यान वाले चालकों को फिटनेस प्रमाण पत्र के मद में 7500 रुपये खर्च करने होंगे। इसका मकसद लोगों को पुराने वाहन रखने से हतोत्साहित करना है। केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार भी जल्द ले सकती है फैसला 15 साल पुरानी गाडिय़ों का फिटनेस प्रमाण पत्र लेना होगा महंगा
इसी तरह मध्यम माल या यात्री मोटर यान को स्क्रैप करवाकर अगर कोई नई गाड़ी लेंगे तो उन्हें मैनुअल वाली गाडिय़ों में फिटनेस के मद में मात्र 800 तो सेल्फ वाली गाडिय़ों में 1300 रुपये देने होंगे। इस श्रेणी में 15 साल पुरानी कोई गाड़ी चलाना चाहें तो लगभग आठ गुना अधिक यानी 10 हजार रुपये देने होंगे।