सरकारी भवनों के निर्माण में लेट-लतीफी की तो दूसरी योजना की निविदा में नहीं ले सकेंगे भाग

Bihar Government Decision सरकारी भवनों के निर्माण में लेट-लतीफी अब बर्दाश्त नहीं एक काम में हुआ विलंब तो दूसरे काम की निविदा में नहीं ले सकेंगे भाग सरकार ने अपने फैसले से सभी कार्यपालक अभियंताओं का अवगत कराया

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 01:41 PM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 01:41 PM (IST)
सरकारी भवनों के निर्माण में लेट-लतीफी की तो दूसरी योजना की निविदा में नहीं ले सकेंगे भाग
सरकारी भवनों के निर्माण में देरी पर सरकार गंभीर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Government Decision: सरकारी भवनों के निर्माण (Construction of Government Buildings) में सरकार अब लेट-लतीफी बर्दाश्त नहीं करेगी। करार (Agreement) होने के बाद यदि निर्माण एजेंसियां, संवेदक  बिना वजह विलंब करते हैं तो वैसी स्थिति में नई निर्माण से जुड़ी योजना में ऐसे लोगों को भाग लेने से वंचित किया जाएगा। अनावश्यक विलंब और खर्च को रोकने के इरादे से सरकार ने यह कदम उठाया है। योजनाओं में बेवजह देरी से सरकारी खजाने को जमकर चूना लगता है।

भवन निर्माण विभाग की बैठक में मंत्री ने दिया है निर्देश

भवन निर्माण विभाग में हाल ही में मंत्री डॉ. अशोक चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह बात सामने लाई गई कि सरकारी भवनों के निर्माण में संवेदक, चयनित निर्माण एजेंसी अनावश्यक विलंब करती हैं। जिस वजह से योजना लागत तो बढ़ती ही है योजना भी समय पर पूरी नहीं हो पाती। मंत्री डॉ. चौधरी ने इस समस्या से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। उन्‍होंने कहा कि संवेदक की लापरवाही का बोझ आम आदमी से मिले कर के पैसे पर नहीं पड़ना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो जिम्‍मेदार अधिकारी पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

बिहार के सभी कार्यपालक अभियंताओं को भेजा गया है पत्र

इसके बाद भवन निर्माण के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव राकेश कुमार ने मंगलवार को सभी कार्यपालक अभियंता को एक पत्र भेजा है। जिसमें निर्देश दिए गए हैं कि काम आवंटित होने के बाद समय निर्माणाधीन भवनों की प्रगति वॉटसएप ग्रुप पर लाल, नीले और हरे रंग में प्रदर्शित करना आवश्यक है। जिसकी नियमित मॉनिटरिंग करें ताकि निर्माण की सही स्थिति विभाग को ज्ञात रहे। जहां कहीं भी निर्माण में सुस्ती दिखाई दे तत्काल संवेदक, एजेंसी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें अगली किसी निर्माण निविदा में भाग लेने से वंचित कर दें और इसकी जानकारी विभाग के आइटी मैनेजर को भी दें ताकि भविष्य में उन्हें काम ना दिया जा सके।

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