Citizenship Amendment Bill के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा इमारत-ए-शरिया, हो रहा विमर्श
अब नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पटना के फुलवारीशरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया भी आ गया है। वह इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा। वकीलों के साथ विमर्श किया जा रहा है।
पटना, जेएनएन। नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पर बिहार (Bihar) में सियासत तो तेज है ही। अब इस विधेयक के विरोध में पटना के फुलवारीशरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया (Imarat-e-Shariah) भी आ गया है। शनिवार को इमारत-ए-शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलना ने नागरिक संशोधन विधेयक को संविधान विरोधी बताया और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाने की बात कही। बता दें कि बिहार में इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहा है। राजद ने इस विधेयक के खिलाफ 21 दिसंबर को बिहार बंद (Bihar Bandh) बुलाया है।
इमारत-ए-शरिया कार्यवाहक नाजिम मौलाना शिबली-अल-कासमी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून मुसलमानों के लिए ही नहीं, बल्कि संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करने में केंद्र सरकार का हिटलरशाही रवैया सामने आया है। वहीं, नायब नाजिम मौलाना सनाउल होदा कासमी ने कहा कि कानून के खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसके लिए रविवार को वकीलों की बैठक बुलाई है। इसमें कानून पर चर्चा कर सुप्रीम कोर्ट जाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
राजद का प्रतिनिधि मंडल शनिवार को इसी मुद्दे पर समर्थन लेने के लिए इमारत-ए-शरिया गया था। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजद नेताओं ने मौलाना से मुलाकात की। कासमी ने कहा कि इमार-ए-शरिया हमेशा इंसानों के हक की बात को उठाने वाली पार्टी का समर्थन करती रही है। शरिया नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा।
इस दौरान युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहैब ने नाजिम से मुलाकात की। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजद द्वारा 21 दिसंबर को बिहार बंद पर चर्चा की गई। इस दौरान कारी सोहैब ने कहा कि राजद हमेशा गरीब, दलित व पिछड़ों की आवाज उठाता रहा है। केंद्र सरकार द्वारा यह कानून लाना संविधान के साथ खिलवाड़ है।