जाल में डाल्फिन फंसे तो बाहर निकालें
डाल्फिन डे की पूर्वसंध्या पर दीघा घाट पर सोमवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पटना। डाल्फिन डे की पूर्वसंध्या पर दीघा घाट पर सोमवार को विधायक डा. संजीव चौरसिया की पहल पर गांगेय डाल्फिन की सुरक्षा एवं संरक्षण पर मछुआरों को प्रशिक्षण दिया गया। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के बिहार प्रभारी डा. गोपाल शर्मा ने दीघा के मछुआरों से सीधा संवाद किया। उनसे कहा कि अगर आपके जाल में डाल्फिन फंस जाए तो उसे पानी के बाहर निकालें। मछुआरे उसे पानी में छोड़ देते हैं। इस कारण उनकी मौत हो जाती है। सांस लेने के लिए इसे पानी से बाहर निकलना पड़ता है। जाल में फंसे तो इसे काट दें, तस्वीर लें और डाल्फिन को पानी में छोड़ दें। तस्वीर लेने पर जाल का अनुदान मिलेगा। डा. शर्मा ने सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं से अवगत कराया। मछुआरों को बताया कि गंगा एवं सहायक नदियों में 1464 डाल्फिन हैं। इन्हें बचाना होगा।
इस अवसर पर दीघा विधायक डा. संजीव चौरसिया ने कहा कि डाल्फिन मछली नहीं जलीय जीव है। इसे हमलोगों को बचाना है। मछुआरे इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह खुशी की बात है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र दीघा में डाल्फिन है। इसके संरक्षण के लिए मैं सदैव कार्य करूंगा।
पटना नगर निगम जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार सिन्हा ने कहा कि महिलाओं की तरह डाल्फिन नौ माह तक गर्भ धारण करती है। नेत्रहीन होने के बावजूद अपने बच्चे को दूध पिलाती है। इसके संरक्षण में मछुआरे अहम भूमिका निभाएं। इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष अभिषेक ने डाल्फिन संरक्षण के लिए कार्य करने पर दीघा विधायक को बधाई दी।