बिहार में बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, गलन से बढ़ी परेशानी; जानें चार दिन कैसा रहेगा मौसम
बिहार में भीषण ठंड पड़ रही है। बर्फीली हवा से वातावरण में गलन इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लोग घरों से बाहर निकलने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। राजधानी के पार्क मैदान और सड़कें खाली हैं।
जागरण संवाददाता, पटना: हवाओं की गति में तेजी आने से एक बार फिर वातावरण काफी ठंडा हो गया है। पूरे बिहार में भीषण ठंड पड़ रही है। बर्फीली हवा से वातावरण में गलन इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लोग घरों से बाहर निकलने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। राजधानी के पार्क, मैदान और सड़कें खाली हैं। अति आवश्यक कार्य से लोग बाहर दिखाई दे रहे हैं। हालांकि मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दोपहर तक अकाश साफ हो जाएगा और अच्छी धूप निकलेगी।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में पश्चिम से आने वाली बर्फीली हवाओं ने अपनी गति बढ़ा दी है, जिससे पूरा वातावरण ठंड की चपेट में है। इस तरह की स्थिति 30 जनवरी तक बने रहने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि हवा चलने से कोहरे में कमी आई है, लेकिन ठंड बढ़ गई है। ऐसे में लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। खासकर सुबह और शाम तापमान में काफी गिरावट देखी जा रही है। दोपहर में धूप निकलने से लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिल रही है। इस तरह की स्थिति आगे भी बने रहने की उम्मीद है। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि वर्तमान में पश्चिम से आने वाली हवा देश के पर्वतीय इलाकाें से टकराकर मैदानी भागों में प्रवेश कर रही है, जिससे देश का पूरा वातावरण ठंडा हो जा रहा है। ऐसी स्थिति बिहार में भी बनी हुई है।
बुजुर्ग और बच्चों को सावधान रहने की जरूरत
ऐसे में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति बेहद सावधान रहने की जरूरत है। पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि बीपी शुगर के मरीजों को आजकल सावधान रहने की आवश्यकता है। सुबह में घरों से बाहर ना निकलें। वातावरण साफ होने के बाद घर से बाहर निकलें। बुजुर्ग सुबह में घरों में ही योगाभ्यास का सहारा लेंगे तो बेहतर होगा। बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों को भी बेहद सावधान रहने की जरूरत है। पीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित ना हो इसके लिए उन्हें गर्म कपड़ा पहनाना जरूरी है। घर का वातावरण भी गर्म रखने का प्रयास करें। बच्चों के खानपान पर भी ध्यान दें।