आइएएस-आइपीएस के बच्चों से जुड़ा ऐसा सवाल पटना हाईकोर्ट ने पूछा, पसीना पोंछ रहे बिहार के अधिकारी
पटना हाई कोर्ट के एक सवाल ने बिहार में शिक्षा विभाग सहित तमाम बड़े अफसरों की परेशानी बढ़ा दी है। कोर्ट ने पूछा है कि राज्य में कितने आइएएस और आइपीएस के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं? इसकी सूची तैयार की जानी है।
पटना, राज्य ब्यूरो। पटना हाई कोर्ट के एक सवाल ने बिहार में शिक्षा विभाग सहित तमाम बड़े अफसरों की परेशानी बढ़ा दी है। कोर्ट ने पूछा है कि राज्य में कितने आइएएस और आइपीएस के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं? इसकी सूची तैयार की जानी है। अधिकारियों के हाथ-पांव इसलिए फूल रहे हैं कि इससे सच्चाई सामने आ सकती है। मौजूदा स्थिति तो यह है कि सरकारी स्कूलों के ज्यादातर शिक्षक भी अपने बच्चों को उस स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं। ऐसे में आइएएस और आइपीएस क्या करते होंगे, इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है। बहरहाल सरकार यह सूची तैयार करने में जुट गई है।
राज्य के सरकारी प्राथमिक एवं अन्य विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अलावा क्लास-वन एवं क्लास-टू के अफसरों के बच्चों की सूची तैयार होगी। ऐसे अफसरों के कितने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं, इसकी विवरणी तैयारी करने को लेकर शिक्षा विभाग ने सभी डीएम एवं एसपी को चिट्ठी लिखकर आदेश दिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की ओर से पटना उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन का हवाला देते हुए सभी जिलाधिकारी (डीएम) एवं पुलिस अधीक्षक (एसपी) को पत्र लिखा गया है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम एवं एसपी को चिट्ठी लिखकर दिया निर्देश
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने चिट्ठी के जरिए अपने निर्देश में सभी डीएम और एसपी से कहा है कि विगत 13 जुलाई को पटना उच्च न्यायालय ने आदेश जारी कर राज्य के सरकारी प्राथमिक एवं अन्य विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले आइएएस एवं आइपीएस के अलावा क्लास-वन एवं क्लास-टू के अधिकारियों के बच्चों के बारे में जानकारी देने को कहा है। इसके आलोक में जिला स्तर पर संबंधित बच्चों की विवरणी तैयार करें ताकि उसे उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने 4 अगस्त को सभी डीएम और एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है। इसमें उच्च न्यायालय के आदेश का पालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।