पटना के 'जल प्रलय' पर CM नीतीश की कार्रवाई: BUDCO मुख्य अभियंता सहित 11 इंजीनियर सस्‍पेंड

पटना में जलजमाव के कारणों की पड़ताल व निदान के उपाय पर विमर्श के लिए सोमवार को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अध्‍यक्षता में हाई लेवल बैठक की। इसके बिंदुओं पर डालते हैं नजर।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 09:30 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 11:16 PM (IST)
पटना के 'जल प्रलय' पर CM नीतीश की कार्रवाई: BUDCO मुख्य अभियंता सहित 11 इंजीनियर सस्‍पेंड
पटना के 'जल प्रलय' पर CM नीतीश की कार्रवाई: BUDCO मुख्य अभियंता सहित 11 इंजीनियर सस्‍पेंड

पटना [जेएनएन]। बीते दिनों भारी बारिश के कारण पटना में जलजमाव (Waterlogging) हो गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सोमवार को हाई लेवल बैठक (High Level Meeting) की। करीब चार घंटे की बैठक में पटना किसकी गलती से डूबा इसपर चर्चा हुई। साथ ही नए ड्रेनेज सिस्टम (New Drainage System) पर भी विमर्श किया गया। बैठक में जलजमाव को ले जिम्‍मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। साथ ही बैठक में जल जमाव के कारणों की जांच के लिए विकास आयुक्‍त की अध्‍यक्षता में हाई लेवल कमेटी बनाई गई। दूसरी आेर बैठक में की गई कार्रवाई को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है।

सरकार ने की बड़ी कार्रवाई

सितंबर के आखिरी हफ्ते में राजधानी में बारिश की वजह से उत्पन्न जलजमाव के दोषी लोगों पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। पटना में संप हाउस व नमामि गंगे योजना के तहत सीवर लाइन का काम देख रही बुडको के मुख्य अभियंता सहित 11 इंजीनियरों को निलंबित किए जाने का फैसला लिया गया है। इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सात दिनों के भीतर इनपर कार्रवाई होगी। निर्माण एजेंसी एलएंडटी के प्रोजेक्ट इंजीनियर पर भी कार्रवाई की गई है। पटना नगर निगम के दो दर्जन से अधिक अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। इनमें कुछ  निलंबित कर दिए गए हैं और कुछ के वेतन रोक दिए गए हैं।

अन्य दोषियों पर भी गिरेगी गाज

पूरी जांच के क्रम में यह बात सामने आई कि जलजमाव के मूल में यह बात रही कि सही समय पर संप हाउस चालू नहीं हुए और नाले की सफाई  ठीक ढंग से नहीं की गई। कहीं संप हाउस चालू नहीं किया गया। अन्य दोषियों को भी चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

चार घंटे तक चली बैठक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मसले पर मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में लगातार चार घंटे तक बैठक की। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कई महकमों के मंत्री सहित मुख्य सचिव, विकास आयुक्त व आला अधिकारी बैठक में मौजूद थे। आगे इस तरह की समस्या नहीं हो उससे बचने को स्थायी तौर पर क्या इंतजाम होंगे इस मसले पर भी मुख्यमंत्री की बैठक में निर्णय लिया गया। देर शाम मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मुख्यमंत्री की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी।

संपिंग स्टेशनों की नहीं की जांच

मुख्यमंत्री की बैठक में यह बात सामने आई कि कई जगहों पर संपिंग स्टेशन समय पर नहीं चले। कुछ जगहों पर डीजल ही नहीं था और कुछ मशीन खराब थीं। इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि आखिर इसकी जांच बारिश के पहले क्यों नहीं की गई? 

लापरवाही में नपे ये अधिकारी-कर्मचारी

जलजमाव के लिए दोषी चिह्नित लोगों में बुडको के मुख्य अभियंता, दो अधीक्षण अभियंता, छह कार्यपालक अभियंता व एक मेकैनिकल कार्यपालक अभियंता, एक सहायक अभियंता मेकैनिकल को कारण बताओ नोटिस जारी  किया गया है। एक सहायक अभियंता को प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किया गया है। पटना नगर निगम के एग्जक्यूटिव ऑफिसर कंकड़बाग, सिटी मैनेजर कंकड़बाग, चीफ सेनेटरी ऑफिसर कंकड़बाग, को कारण बताओ नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से वेतन भुगतान बंद किया गया है। कंकड़बाग के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। दो सेनेटरी इंस्पेक्टर पाटलिपुत्रा को भी निलंबित किया गया है। एग्जक्यूटिव ऑफिसर बांकीपुर, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर बांकीपुर तथा बांकीपुर के सभी सेनेटरी इंस्पेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ड्रेनेज पंप सिस्टम में पदस्थापित 22 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनके वेतन भुगतान को बंद कर दिया गया है।

विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

यह तय हुआ कि विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी, जिसमें पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, आपदा प्रबंधन व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सदस्य रहेंगे। कमेटी को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी है। उन्‍हें दो बिंदुओं पर काम करना है। पहला पटना में जल जमाव के कारण व कमियां तथा दोषी लोगों के संबंध में प्रतिवेदन है तथा दूसरा भविष्य के लिए कार्ययोजना बनानी है। कमेटी इसके लिए विशेषज्ञों से भी राय लेगी।

14 नए ड्रेनेज पर पंपिंग सिस्टम की योजना

राजधानी में गोला रोड व आरपीएस मोड़ सहित 14 जगहों पर पर नए ड्रेनेज पंपिंग सिस्टम बनाए जाएंगे।

दो  माह के अंदर हटेगा नालों का अतिक्रममण

दो  माह के अंदर अभियान चलाकर सभी नालों के अतिक्रमण हटाया जाएगा। नगर निगम को यह लक्ष्य दिया गया है कि दो माह के अंदर नालों पर से अतिक्रमण हटा लिया जाए। साथ ही बगैर पटना नगर निगम के अनापत्ति प्रमाण पत्र के पटना में कोई भी आधारभूत संरचना का काम नहीं होगा।

नालों में सिल्ट की होगी जांच

नालों में किस गहराई तक सिल्ट जमा है इसकी जांच एक कमेटी द्वारा की जाएगी। यही नहीं यह भी देखा जाएगा कि किस गहराई तक उसकी सफाई हुई है। वास्तविक सफाई कितनी हुई है यह कमेटी देखेगी। अगले मौसम तक पूरी सतह तक सफाई कर लेनी है।

आपदा प्रबंधन विभाग व नीरि देंगे प्रस्ताव

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व केंद्र सरकार की संस्था नीरि द्वारा संयुक्त रूप से काम कर एक महीने के अंदर पटना को जलजमाव के संकट से दूर रखने के लिए अपनी रिपोर्ट देंगे।

कार्रवाई पर हमलावर हुआ विपक्ष

बैठक में की गई कार्रवाई को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि बैठक के नाम पर औपचारिकता की गई। यह सालों से अपने चहेते अफसरों को बचाने की मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की कवायद थी। इन अफसरों की लापरवाही की वजह से ही पटना में जल-जमाव हुआ, लेकिन उन्‍हें छोड़कर केवल छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

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