उड़ी अफवाह और तार-तार हो गई फिजिकल डिस्टेंसिंग, ट्रेन के डिब्बों की तरह चिपक गए लोग
बैकों से पैसा निकालने के लिए ग्राहक हर तरह के ऐहतियात को तार-तार कर दे रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा पटना में देखने को मिला।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस, लॉकडाउन और शारीरिक दूरी। इन शब्दों से पटनावासियों को डर नहीं लगता। ऐसा बुधवार की सुबह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोविड-19 राहत को लेकर जनधन योजना के ग्राहकों को देखकर कहा जा सकता है। राजधानी के खुसरूपुर, बिहटा और दानापुर में बैंकों एवं सीएसपी केंद्रों के बाहर पैसे निकालने वालों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।
निकाल लें रुपये नहीं तो हो जाएंगे वापस...
खुसरूपुर में तो एक अफवाह के बाद पैसे निकालने के लिए लाइन बढ़ती चली गई। किसी ने ग्रामीणों से कह दिया कि राहत के लिए आए रुपये जल्द निकाल लें, नहीं तो सारा पैसा वापस हो जाएगा। जानकारी होते ही फिजिकल डिस्टेंसिंग तार-तार हो गई। एक के पीछे एक लोग खड़े हो गए। कई मिनटों तक शरीर से शरीर रगड़ खाता रहा पर पुलिस भी नहीं दिखी। इनमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की नजर आई। इस दौरान सीएसपी संचालकों ने कई बार सोशल डिस्टेंस अपनाकर लाइन में खड़े होने की अपील की, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा।
होमगार्ड, दफादार व चौकीदार की तैनाती का है आदेश
बिहटा में सुबह जहां लोग कतारों में खड़े होकर पैसे निकालते दिखाई दिए तो पुलिस के पहुंचते ही दूरी बना ली। एक दिन पहले ही प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने आदेश बैंकों के बाहर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए होमगार्ड, दफादार व चौकीदार की तैनाती करने का आदेश दिया था। इनकी तैनाती सब्जी मंडी और दुकानों के बाहर फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए की जानी थी।
सब्जी मंडी में रोज दिख रहा ऐसा ही नजारा
सरकार भले ही ट्रेन, फ्लाइट और बस का परिचालन बंदकर कोरोना वायरस से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाने की बात कर रही हो पर पटना में रोज दूरी कम होती जा रही है। सब्जी मंडियों का हाल तो सबसे ज्यादा बुरा है। यहां शरीर से शरीर रगड़ते हुए लोग खरीदारी करते दिखाई दे रहे हैं। दुकानों के लिए सुबह छह से शाम छह बजे के नियम के बावजूद राजधानीवासी शाम को मजमा लगाकर खरीदारी करते दिखाई दे रहे हैं।