स्वस्थ मृदा ही सुरक्षित जैव मंडल का आधार

कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर में रविवार को विश्व मृदा दिवस पर कार्यक्रम आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 01:26 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 01:26 AM (IST)
स्वस्थ मृदा ही सुरक्षित जैव मंडल का आधार
स्वस्थ मृदा ही सुरक्षित जैव मंडल का आधार

बाढ़। कृषि विज्ञान केंद्र, अगवानपुर में रविवार को विश्व मृदा दिवस पर कार्यक्रम आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद सदस्य विजय शंकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिप सदस्य ने कहा कि किसानों को अपने जमीन संरक्षण के साथ-साथ मिट्टी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए एवं समय-समय पर मिट्टी की जांच कराते रहना चाहिए।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक प्रधान ने बताया कि किसानों को अपने खेतों में उर्वरक एवं कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग संतुलित मात्रा में करना चाहिए। विश्व मृदा दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य मृदा संसाधनों के सतत प्रबंधन समेत मृदा संरक्षण के संदर्भ में जागरूकता पैदा कर मिट्टी क्षरण को रोकना है।

वैज्ञानिक डा. मृणाल वर्मा ने मृदा क्षरण को रोकने एवं मृदा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कृषि यंत्रों का उपयोग करने की सलाह दी। वैज्ञानिक डाक्टर विष्णु देव सिंह ने बताया कि पृथ्वी पर 25 प्रतिशत से ज्यादा जैव विविधता का आश्रय स्थल है। 90 प्रतिशत जीवित जीव जीवन चक्र के लिए मृदा पर आश्रित है। इस कारण जैव मंडल को पूरी तरह से सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने के लिए मृदा को स्वस्थ रखना जरूरी है। इस कार्यक्रम में कुल 50 किसानों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का समापन डा. विष्णु देव सिंह के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करके किया गया।

संस, बाढ़ : फार्मल यूथ फाउंडेशन द्वारा विश्व मृदा दिवस के मौके पर शहरी में राज्यभर के चयनित कृषि छात्र एवं कृषि विशेषज्ञों को पतंजलि द्वारा निर्मित मृदा परीक्षण किट का वितरण किया गया। किट का वितरण सामुदायिक भवन शहरी में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुखिया योगेंद्र सिंह ने किया। संस्था के सचिव अनिल कुमार सिंह ने बताया कि विश्व मृदा दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को मिट्टी जैव विविधता की रक्षा के लिए मृदा परीक्षण अनिवार्य कराना है। इससे खेतों में जरूरत के अनुसार ही रसायन का किसान प्रयोग कर सकेंगे। हमारे भोजन का 95 प्रतिशत भाग मिट्टी से मिलती है, जबकी दुनिया में 33 प्रतिशत मिट्टी खराब हो चुकी है। मिट्टी के गिरते स्तर को सुधारने के लिए मृदा परीक्षण अनिवार्य है। प्रशिक्षक अमीषा कुमारी ने लोगों को प्रशिक्षण दिया। इस दौरान पूर्व मुखिया मनोरमा देवी, सरपंच सुनीता देवी, अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह, भूटेश्वर सिंह, संस्था सचिव अनिल कुमार सिंह मौजूद रहे।

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