तीन दिन पहले जिसे बताया था कोरोना संक्रमित, गोपालगंज में वहीं शख्‍स कर रहा कोरोना की जांच

कोरोना संक्रमित को अस्पताल परिसर स्थित जांच कक्ष में देखकर कोरोना जांच कराने आए लोग सकते में आ गए। धीरे-धीरे इसकी जानकारी कई लोगों तक पहुंच गई। इसके बाद अस्पताल में जांच कराने आए लोग बिना जांच कराए अपने वहां से धीरे-धीरे सरकने लगे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 04:30 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 04:30 PM (IST)
तीन दिन पहले जिसे बताया था कोरोना संक्रमित, गोपालगंज में वहीं शख्‍स कर रहा कोरोना की जांच
पटना में कोरोना की जांच के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोग। फाइल फोटो

बैकुंठपुर (गोपालगंज), संवाद सूत्र। गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है। सोमवार को अस्पताल परिसर स्थित जांच कक्ष में कोरोना संक्रमित एक लैब टेक्नीशियन को देखकर लोगों के होश उड़ गए। बताया जाता है कि अस्पताल में पदस्थापित लैब टेक्नीशियन कुमार दीपक आठ मई को जांच में कोरोना पॉजिटिव मिले। कोरोना पॉजिटिव मिलने के पहले तक ये अस्पताल में कोरोना की जांच कराने आने वाले लोगों की जांच करते थे।

होम आइसोलेशन में रहने की डॉक्‍टरों ने दी थी सलाह

रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद चिकित्सकों ने इन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दिया। इसके बाद ये होम आइसोलेशन में चले गए। इसी बीच सोमवार को कोरोना संक्रमित कुमार दीपक को अस्पताल परिसर स्थित जांच कक्ष में देखकर कोरोना जांच कराने आए लोग सकते में आ गए।

कोरोना संक्रमित को जांच करते देखकर लोग रह गए हैरान

पहले तो लोग एक-दूसरे से इसको लेकर आपस में चर्चा करने लगे। धीरे-धीरे इसकी जानकारी कई लोगों तक पहुंच गई। इसके बाद अस्पताल में जांच कराने आए लोग बिना जांच कराए अपने वहां से धीरे-धीरे सरकने लगे। लोगों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना जांच के लिए जांच कक्ष में तीन कर्मियों को तैनात किया था। इनमें कुमार दीपक भी शामिल थे।

अधिकारी ने बताया- गलत थी कोरोना पॉजिटिव की सूची

इस संबंध में में पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (प्रशासनिक) डॉ. कुमार निशांत ने बताया कि लैब टेक्नीशियन कुमार दीपक की करीब दो सप्ताह पूर्व रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। दस दिन बीत जाने के बाद उन्हें जांच के लिए लगाया गया था। उन्होंने बताया कि आठ मई के कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सूची में उनका नाम गलती से प्रकाशित हो गया था। बहरहाल अगर प्रभारी की बात अगर सही भी मान ली जाए तो अस्‍पताल की लापरवाही साफ तौर पर सामने आ रही है।

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