Health Alert: दीपावली के धुएं ने बिगाड़ा पटना की हवा का हाल, खतरनाक स्तर तक पहुंचा प्रदूषण
दीपावली के मौके पर पटना के लोगों ने खूब उत्साह दिखाया। लोगों ने खूब दिए जलाए और पटाखे भी छोड़े। कई मुहल्लों में तो सुबह तक पटाखों की आवाज गूंजती रही। अब इसका असर प्रदूषण में इजाफे के तौर पर देखने को मिल रहा है।
पटना, जेएनएन। दीपावली की रात पटाखों के धुएं ने पटना की हवा का हाल बिगाड़ कर रख दिया है। शनिवार की रात पटना में हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा। रविवार की सुबह तक भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है। तारामंडल के पास सुबह सात बजे हवा में प्रदूषण का स्तर 352 रिकॉर्ड किया गया। राजवंशीनगर में यह 337, समनपुरा में 253, डीआरएम कार्यालय दानापुर में 109, शिकारपुर में 275 और मुरादपुर में यह 295 रहा। इस लिहाज से देखें तो दानापुर की स्थिति कुछ बेहतर है। बाकी जगह प्रदूषण का स्तर काफी अधिक है। देश की राजधानी दिल्ली में सुबह के सात बजे आनंद विहार इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 478 रिकॉर्ड किया गया है।
एक दिन पहले की अपेक्षा 90 प्वाइंट तक बढ़ा प्रदूषण इंडेक्स
अगर एक दिन पहले यानी शनिवार की सुबह से तुलना करें तो ठीक सात बजे वायु प्रदूषण का स्तर तारामंडल के पास 300, राजवंशीनगर में यह 246, समनपुरा में 197, डीआरएम कार्यालय दानापुर में 65, शिकारपुर में 254 और मुरादपुर में 213 रिकॉर्ड किया गया था। इस लिहाज से दिवाली में सबसे अधिक प्रदूषण राजवंशीनगर के इलाके में बढ़ा है। यह स्थिति तब है जब पटना जू और ईको पार्क के साथ राजभवन और मुख्यमंत्री निवास के आसपास का हरा-भरा क्षेत्र यहां से बिल्कुल पास में है। राजवंशीनगर में 24 घंटे में प्रदूषण का स्तर करीब 91 प्वाइंट बढ़ गया है। दानापुर में एक दिन पहले तक हवा सेहत के लिए करीब ठीकठाक थी, लेकिन आज वहां भी स्थिति चिंताजनक है।
सेहत के लिए बेहद खतरनाक
प्रदूषण की यह स्थिति सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। हवा को प्रदूषित करने में सबसे बड़ा रोल पीएम 2.5 कणों का है। ये बारीक अवांछित कण हमारे सांस लेते वक्त फेफड़ों तक पहुंचकर इंसान को बीमार बनाते हैं। पीएम 2.5 हवा में मौजूद अवांछित कणों के आकार के आधार पर एक वर्गीकरण है।