कोरोना महामारी के खात्मे को घरों में हवन कर रहे लोग
पटना। कोरोना महामारी से बचाव के लिए हर कोई अपनी तरफ से अलग-अलग प्रयास कर रहा है।
पटना। कोरोना महामारी से बचाव के लिए हर कोई अपनी तरफ से अलग-अलग प्रयास कर रहा है। राजधानी के कुछ लोग महामारी से बचने के लिए घरों में हवन कर वातावरण को शुद्ध कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर लोग पुरानी परंपरा और संस्कारों का निर्वहन शुरू कर दें तो कोरोना संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है। हवन में नीम की पत्ती व घरेलू उत्पादों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आचार्य पं. राकेश झा के अनुसार कोरोना काल में आम जनमानस विषाणु व कीटाणु को दूर भगाने के लिए धूप, कराल, धूमन, कपूर, घी, जटामसी, बेलगिरी, कमलगट्टा, तिल, जौ, गुड़ आदि मिलाकर हवन कर रहे हैं। हवन से शुद्ध होता है वातावरण :
पं. राकेश झा ने बताया, किसी भी अनुष्ठान, पूजा-पाठ, यज्ञ आदि की पूर्णाहुति के समय हवन होता है। इसकी आध्यात्मिक व वैज्ञानिक मान्यता है। आम की लकड़ी, धूप, तिल, घी एवं अन्य औषधीय गुणों से भरपूर लकड़ियों के जलने पर उससे निकलने वाला धुआं हमारे शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए हितकारी होते हैं। इसका धुआं ओजोन परत के छिद्रों को बंद करने में कारगर है। महामारी खत्म हो, इसलिए कर रहे हैं हवन :
पाटलिपुत्र की सुनीता प्रकाश अपने परिवार के साथ मिलकर पिछले आठ दिन से रोज घर पर हवन कर रही हैं। वह बताती हैं कि पहले के समय में लोग वातावरण को शुद्ध करने के लिए हवन करते थे तो किसी प्रकार की महामारी या परेशानी नहीं होती थी और हवा भी शुद्ध रहती थी। इसलिए वह भी जल्द महामारी खत्म करने के लिए परिवार के साथ मिलकर पूजा-पाठ और हवन कर रही हैं। नीम की पत्तियों व कपूर से रोज हवन करना फायदेमंद :
बोरिग रोड की जनक किशोरी कोरोना का संक्रमण कम हो, इसलिए रोज सुबह नीम की पत्ती व कपूर के साथ घर में हवन कर रही हैं। शास्त्रीनगर के आनंद तिवारी भी पिछले 15 दिनों से रोज घर व समाज की सुरक्षा के लिए हवन कर रहे हैं। इसी तरह पाटलिपुत्र के योगेंद्र कुमार भी परिवार के साथ मिलकर हवन कर रहे हैं। वह रोज अक्षत, गाय का घी, कपूर और गोबर का एक कंडा मिलाकर हवन करते हैं। इसके धुएं से कीटाणु व वातावरण में फैली नकारात्मक ऊर्जा का विनाश होगा।