Lok Sabha Election 2019: बिहार में महागठबंधन में हुआ सीटों का बंटवारा, जानिए गणित

महागठबंधन की आज महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस में सीटों की औपचारिक घोषणा कर दी गई है। राजद को 20 सीटें मिली है। राजद कोटे से ही माले को एक सीट दी गई है। कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 22 Mar 2019 02:23 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 07:16 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: बिहार में महागठबंधन में हुआ सीटों का बंटवारा, जानिए गणित
Lok Sabha Election 2019: बिहार में महागठबंधन में हुआ सीटों का बंटवारा, जानिए गणित

पटना, जेएनएन। महागठबंधन में सीटों को लेकर काफी दिनों से चल रही खींचतान और विवादों पर आज विराम लग गया। पटना के होटल मौर्या में महागठबंधन की सभी सहयोगी पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर आज शाम चार बजे के बाद हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में इसका औपचारिक एलान कर दिया गया। 

कन्हैया कुमार को नहीं मिली जगह

राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने इसकी विधिवत घोषणा करते हुए कहा कि राजद को 20, कांग्रेस को नौ, रालोसपा को पांच, हम को तीन, वीआइपी को भी तीन, माले को राजद कोटे से एक सीट दी गई है। वहीं, शरद यादव की पार्टी लोजद के उम्मीदवार राजद के टिकट पर ही फिलहाल चुनाव लड़ेंगे। वहीं, महागठबंधन से सीपीआई और सीपीएम को बाहर कर दिया गया है। बता दें कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस-आरजेडी का समर्थन नहीं मिला है।

जानिए कौन, कहां से लड़ेगा चुनाव....

सीटों के बंटवारे के साथ ही पहले चरण के लिए होने वाले मतदान को लेकर घटक दलों के  प्रत्याशियों के नामों की भी घोषणा कर दी गई है। गया से जीतनराम मांझी, औरंगाबाद से उपेंद्र प्रसाद, जमुई  सीट से भूदेव चौधरी को टिकट दिया गया है।

वहीं नवादा से पूर्व राजद विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को राजद का उम्मीदवार बनाया गया है। बता दें कि ये वही राजबल्लभ यादव हैं जिन पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा था और दोष साबित होने के बाद उन्हें पार्टी ने निलंबित कर दिया था। 

विधानसभा उपचुनाव के लिए नवादा से हम के उम्मीदवार धीरेंद कुमार को टिकट दिया गया है। डेहरी से मोहम्मद फिरोज हुसैन को राजद ने टिकट दिया है।

प्रेस कांफ्रेंस में नहीं मौजूद थे बड़े नेता

महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस से पहले राबड़ी देवी के आवास पर सभी दलों के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें सीटों के मामले पर मंथन किया गया। उसके बाद लोग प्रेस कांफ्रेंस में बड़े नेताओं का इंतजार करते रहे, क्योंकि पहले से उम्मीद जताई जा रही थी कि तेजस्वी यादव सहित गठबंधन के बड़े नेता भी प्रेस कांफेंस में पहुंचेंगे। लेकिन, एेसा नहीं हुआ।

प्रेस कांफ्रेंस में बस सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष होटल मौर्या पहुंचे और फिर प्रेस कांफ्रेंस में देरी होने को लेकर मीडियाकर्मियों से माफी मांगी। इसके बाद राजद प्रवक्ता मनोज झा ने संबंधित जानकारी दी और फिर राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने सीट शेयरिंग का विधिवत एेलान किया। 

तेजस्वी के नहीं आने पर सवाल, मनोज झा ने दिया ये जवाब

वहीं, प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव के शामिल नहीं पर मीडियाकर्मियों ने जब सवाल खड़ा किया कि क्यों बड़े चेहरे मौजूद नहीं थे? आप कैसे कह सकते हैं कि महागठबंधन में सब ठीक?..इस सवाल के जवाब में राजद नेता मनोज झा ने कहा कि क्या मैं पार्टी का कोई नहीं? या मैं पार्टी का कोई छोटा नेता हूं? ये पार्टी का अंतिम समय में लिया गया फैसला था कि तेजस्वी नहीं आ सकेंगे। इसपर सवाल कैसा? 

कांग्रेस मुख्यालय परिसर में हुआ हंगामा

सीटों की घोषणा और उम्मीदवारों के  नामों के एेलान से पहले बिहार कांग्रेस में टिकट को लेकर बवाल शुरू हो गया है। शुक्रवार को पार्टी कार्यालय सदाकत आश्रम में औरंगाबाद के टिकट प्रत्याशी निखिल कुमार के समर्थकों ने जमकर बवाल काटा।

समर्थकों को जब यह जानकारी मिली कि पार्टी ने निखिल कुमार का टिकट काट दिया गया है, इसके बाद सदाकत आश्रम परिसर में सुबह से हंगामा चलता रहा। पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। इसपर मदन मोहन झा ने कहा कि हर समर्थक चाहता है कि उसके नेता को टिकट मिले, लेकिन सबको टिकट मिले, ये तो संभव नहीं। जल्द ही सबको पता चल जाएगा कि कौन उम्मीदवार होगा, कौन नहीं होगा। 

शरद यादव पहुंचे पटना, कही ये बात...

वहीं, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया शरद यादव भी शुक्रवार की दोपहर पटना पहुंचे। पटना पहुंचने पर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर ही हम पटना आये हैं।

हालांकि शरद ने कहा कि अभी कुछ नहीं कह सकते हैं कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा  वहीं, औरंगाबाद से कांग्रेस नेता निखिल कुमार का टिकट कट जाने के बाद समर्थकों द्वारा कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में हंगामा किये जाने पर उन्होंने कहा कि चुनाव के समय किसी फैसले से लोग सहमत और असहमत हो जाते हैं। ऐसे में ऐसी घटनाएं आम होती हैं।

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