बिहार में अतिक्रमण की भेंट चढ़ी जमीन खाली कराएगी सरकार, पंचायतों में बनेगा पक्का मुक्ति धाम

नौ लाख रुपये की लागत से प्रत्येक पंचायत में एक-एक मुक्तिधाम की स्थापना होगी जहां विद्युत शवदाह गृह के साथ-साथ बैठने के लिए पक्की मेज शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था होगी। सरकार का मानना है कि इससे एक हद तक प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:05 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:55 AM (IST)
बिहार में अतिक्रमण की भेंट चढ़ी जमीन खाली कराएगी सरकार, पंचायतों में बनेगा पक्का मुक्ति धाम
बिहार में अतिक्रमण के भेंट चढ़ी भूमि खाली कराएगी सरकार। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार के गांवों में अब सरकार की ओर से मुक्ति धाम बनाने की तैयारी है। पंचायती राज विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। नौ लाख रुपये की लागत से प्रत्येक पंचायत में एक-एक मुक्तिधाम की स्थापना होगी, जहां विद्युत शवदाह गृह के साथ-साथ लोगों के बैठने के लिए पक्की मेज, शौचालय और स्नानागार की व्यवस्था होगी। हरियाली का खास ख्याल रखा जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे एक हद तक प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। अभी गांवों में लकड़ी से शव जलाने की परंपरा है, लेकिन दिनों-दिन लकड़ी की किल्लत को देखते हुए विद्युत शवदाह गृह बनाने की तैयारी है। ऐसे में आने वाले दिनों में मुक्ति धाम में दोनों तरह से लोगों को अंतिम संस्कार करने की सुविधा उपलब्ध होगी। हालांकि सरकार की पहली प्राथमिकता ऐसे पंचायतों में मुक्ति धाम बनाने की हैं जहां परंपरागत रूप से वर्षों से दाह संस्कार का काम होता है। इसी आधार पर पंचायतों का चयन भी किया जाएगा।

अतिक्रमण मुक्त होगी भूमि

सरकार के इस पहल वर्षों से अतिक्रमण के भेंट चढ़ी भूमि को खाली कराया जाएगा। इसका निर्माण हो जाने पर हिंदूओं का अंतिम संस्कार करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। खासकर बारिश के दिनों में शव जलाने में परेशानी नहीं होगी। वर्तमान में सरकार को 718.76 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इस राशि से मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार में शामिल होने आने वाले लोगों के लिए 11 मीटर लंबाई का आरसीसी बैंच, 5.30 मीटर गुना 5.30 मीटर का शेड, 1.80 मीटर गुना 1.05 मीटर लकड़ी वाला शेड और अन्य सुविधाएं विकसित कराने की तैयारी है।

मसौदे को अंतिम रूप में देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में

पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार की मंशा परंपरागत रूप से अभी जिन पंचायतों में दाह संस्कार का काम होता है वहीं मुक्ति धाम बनाने की है। मसौदे को अंतिम रूप में देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कोशिश है कि लोगों को मुक्ति धाम में मूलभूत सुविधाएं जरूर उपलब्ध हो जाए।

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