बिहार में सरकार की नई योजना, अधूरे आवासों को पूरा करने के लिए सरकार दे रही 50 हजार

राज्य के अधूरे पड़े आवासों का निर्माण पूरा करने के लिए राज्य सरकार लाभार्थियों को 50-50 हजार रुपये दे रही है। यह जानकरी सोमवार को विधान परिषद में राधाचरण साह और रामचन्द्र पूर्वे के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 03:50 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 03:50 PM (IST)
बिहार में सरकार की नई योजना, अधूरे आवासों को पूरा करने के लिए सरकार दे रही 50 हजार
अधूरे पड़े इंदिरा आवासों का निर्माण पूरा करने के लिए राज्य सरकार लाभार्थियों को 50-50 हजार रुपये दे रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य के अधूरे पड़े इंदिरा आवासों का निर्माण पूरा करने के लिए राज्य सरकार लाभार्थियों को 50-50 हजार रुपये दे रही है। यह जानकरी सोमवार को विधान परिषद में राधाचरण साह और रामचन्द्र पूर्वे के तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने दी।

बनाई है नई योजना

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि अधूरे पड़े पुराने इंदिरा आवास योजना के तहत बने मकानों को दुरुस्त या पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने नई योजना बनाई है। 2010 के पहले के ऐसे आवासों की मरम्मति के लिए सरकार 50 हजार रुपये दिए जाते थे, ये राशि अब फिर दी जाएगी। 

169 लाभुकों को दी गई पहली किस्त 

मंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 में इंदिरा आवास योजना को पुनर्गठित कर दिया गया। अब गरीबों के घर पीएम आवास योजना (ग्रामीण) से बनते हैं। केन्द्र के निर्देश के अनुसार अब नए आवास को मंजूरी नहीं जाती है। सरकार सिर्फ उन्हीं योजनाओं को पूरा करेगी, जिनकी पहली किस्त जारी हो गई है। 2012-13 से 2015-16 तक पुरानी योजना के तहत 19 लाख तीन हजार 836 आवास मंजूर किए गए। 18 लाख तीन हजार 169 लाभुकों को पहली किस्त की राशि दी गई। इन मकानों में 13 लाख 67 हजार 542 को पूरा कर लिया गया। लिहाजा पहली किस्त पाने वाले चार लाख 35 हजार 627 लाभुक के अपूर्ण मकान को पूरा किया जाएगा। 

योजना में लाभार्थी को खुद ही बनाना होता है मकान 

श्रवण कुमार ने कहा कि योजना में लाभार्थी को खुद ही मकान बनाना होता है। तय स्तर तक मकान कार्य पूरा होने के बाद लाभुक को अगली किस्त की राशि दी जाती है। योजना की निगरानी के लिए और लाभुकों को मकान बनाने के लिए उत्साहित करने को पंचायत स्तर पर ग्रामीण आवास सहायक और प्रखंड स्तर पर ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक संविदा पर बहाल किए गए हैं।

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