बिहार में 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए अच्छी खबर, 24 लाख स्टूडेंट्स को होगा फायदा

घर से लेकर बाहर तक कैसे सुरक्षित रहें इसके बारे में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को 15-20 मिनट की लघु फिल्में दिखा कर जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और यूनिसेफ ने एक दर्जन

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 06:54 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 06:54 PM (IST)
बिहार में 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए अच्छी खबर, 24 लाख स्टूडेंट्स को होगा फायदा
बिहार की छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। सांकेतिक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो, पटना : प्रदेश की माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए यह अच्छी खबर है। घर से लेकर बाहर तक कैसे सुरक्षित रहें, इसके बारे में कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को 15-20 मिनट की लघु फिल्में दिखा कर जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और यूनिसेफ ने एक दर्जन फिल्मों का निर्माण कर विद्यालयों को उपलब्ध कराया गया है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लघु फिल्मों का प्रदर्शन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। बेटियां अपने घर, स्कूल और सड़क पर सुरक्षित रहें, इसके लिए अब फिल्म दिखाकर बेटियों को जागरूक और सुरक्षित किया जाएगा। विद्यालयों में थीम पर आधारित दर्जन भी लघु फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। इन सभी फिल्मों की साफ्ट कापी सभी जिलों के शिक्षा कार्यालय के माध्यम से स्कूलों में भेज दी गई है। दहेज प्रथा व बाल विवाह आदि सामाजिक कुरीतियों को भी बताया जाएगा। 

- अगले सप्ताह से कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को किया जाएगा जागरूक - बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी डीईओ को दिया निर्देश

24 लाख से ज्यादा विद्यार्थी होंगे जागरूक

राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 24 लाख से ज्यादा विद्यार्थी लघु फिल्मों से जागरूक होंगी। आठ लघु फिल्में बेटियों की सुरक्षा का संदेश और प्रेरणा दी गई है। चार फिल्में छात्रों को जागरूक करने को बनाई गई है। छोटी उम्र में शादी, अभिभावक की भूमिका, अम्मा जी की भूमिका, किशोरावस्था में देखभाल, शरीर व दिमाग के विकास की जानकारी, पहेली की सहेली, बाल्यावस्था में देखभाल, नुक्कड़ नाटक, अम्मा जी कहिन, किशोरावस्था में शारीरिक विकास, दहेज ना लेना, कुछ बन कर दिखाना, खुद की सुरक्षा जैसे नाम फिल्मों के हैं। फिल्मों के दिखाने के बाद कक्षाओं में प्रश्नोत्तर सेशन भी होगा। प्रश्नोत्तर के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को उपलब्ध कराई जाएगी। 

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