डेढ़ साल पहले BPSC ने कर दिया था फेल, RTI से मांगी कॉपी तो पास हो गई छात्रा-जानें मामला

बीपीएससी ने 60वीं से 62वीं सम्मिलित संयुक्त मुख्य लिखित प्रतियोगिता परीक्षा में अयोग्य महिला अभ्यर्थी को डेढ़ साल के बाद क्वालिफाई घोषित किया है। जानें क्या है मामला-

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 03 Jun 2020 08:03 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jun 2020 08:03 AM (IST)
डेढ़ साल पहले BPSC ने कर दिया था फेल, RTI से मांगी कॉपी तो पास हो गई छात्रा-जानें मामला
डेढ़ साल पहले BPSC ने कर दिया था फेल, RTI से मांगी कॉपी तो पास हो गई छात्रा-जानें मामला

पटना, जेएनएन बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 60वीं से 62वीं सम्मिलित संयुक्त मुख्य लिखित प्रतियोगिता परीक्षा में अयोग्य महिला अभ्यर्थी को लगभग डेढ़ साल के बाद क्वालिफाई घोषित करते हुए साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया है। आयोग ने अभ्यर्थी को इसकी सूचना देने के साथ-साथ नोटिफिकेशन वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है।

कोडिंग में त्रुटि के कारण तीन का रिजल्ट प्रभावित

संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा मामला प्रकाश में लाने के बाद पूरी प्रक्रिया की नए सिरे से जांच की गई। इसमें पता चला कि महिला उम्मीदवार शशि रंजन के सामान्य अध्ययन प्रथम पत्र की उत्तरपुस्तिकाओं की कोडिंग में त्रुटि के कारण ऐसा हुआ है। कोडिंग में त्रुटि के कारण तीन अभ्यर्थियों का रिजल्ट प्रभावित हुआ है। शशि रंजन जो पूर्व में मुख्य लिखित परीक्षा के आधार पर असफल थीं, संशोधित रिजल्ट में उनके अंक 'अत्यंत पिछड़ा वर्ग महिला' के कटऑफ से अधिक हैं। इसके आधार पर उन्हें मुख्य परीक्षा में सफल घोषित किया गया है। संशोधित रिजल्ट के बाद अन्य दो उम्मीदवारों के अंक कम हुए हैं। दोनों पूर्व में भी अयोग्य अभ्यर्थियों की सूची में शामिल थे।

साक्षात्कार के लिए किया आमंत्रित

परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि शशि रंजन को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया है। इंटरव्यू की तिथि की घोषणा बाद में होगी। सूत्रों की मानें तो साक्षात्कार में सफल होने पर रिक्त सीट पर इन्हें समायोजित किया जाएगा। सीट रिक्त नहीं होने की स्थिति में सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन लिया जाएगा।

आरटीआइ से मांगी कॉपी तो हुआ पर्दाफाश

बीपीएससी ने 60 से 62वीं सम्मिलित संयुक्त मुख्य लिखित प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट दो नवंबर 2018 को जारी किया था। साक्षात्कार के बाद एक फरवरी, 2019 को अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की अनुशंसा संबंधित विभागों को भेज दी गई थी। वर्तमान में सभी अपने-अपने विभाग में योगदान भी दे चुके हैं। शशि रंजन ने मुख्य परीक्षा में अयोग्य घोषित करार दिए जाने के बाद सभी उत्तरपुस्तिकाओं की मांग सूचना के अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत की थी। आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई कॉपी देखी तो पता चला कि जिस उत्तरपुस्तिका के आधार पर उनका रिजल्ट जारी किया गया है, वह दूसरे की है। इसकी जानकारी आयोग को उन्होंने दी। इसके बाद हैंडराइटिंग का मिलान किया गया तो अभ्यर्थी की शिकायत सही निकली। इसके बाद कोडिंग प्रक्रिया की नए सिरे से जांच की कई तो पर्दाफाश हुआ। जिस कर्मचारी के कारण कोडिंग में गलती हुई है उसे निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।

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