बिहार के बेगूसराय में मात्र 1100 खर्च कर करें शादी, महंगाई की मार से बचने का निकाला उपाय

शादी में तामझाम महंगाई की मार शहर में जगह की कमी एवं आमजनों को समयाभाव के कारण आर्थिक रूप से पिछड़े लोग बच्चे की शादी सहित अन्य कई प्रकार के संस्कारों का निष्पादन मंदिरों में करने लगे हैं। इससे मंदिरों में भी हर लग्न के समय गहमा-गहमी बढ़ गई है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 05:22 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 05:22 PM (IST)
बिहार के बेगूसराय में मात्र 1100 खर्च कर करें शादी, महंगाई की मार से बचने का निकाला उपाय
मंदिरों में कम खर्च में हो रही शादी। सांकेतिक तस्‍वीर।

घनश्याम झा, बेगूसराय। शादी में तामझाम, महंगाई की मार, शहर में जगह की कमी एवं आमजनों को समयाभाव के कारण आर्थिक रूप से पिछड़े लोग बच्चे की शादी सहित अन्य कई प्रकार के संस्कारों का निष्पादन मंदिरों में करने लगे हैं। इससे मंदिरों में भी हर लग्न के समय गहमा-गहमी बढ़ गई है। बेगूसराय शहर में भी काली मंदिर, गायत्री मंदिर सर्वोदय नगर, कर्पूरी स्थान मंदिर व हरिगिरिधाम मंदिर में प्रतिवर्ष सैकड़ों शादियां होती है। सर्वोदय नगर स्थित गायत्री मंदिर में तो अब पुसवन संस्कार,अन्न प्राशन, नामकरण संस्कार, विद्या संस्कार, मंडन संस्कार, यज्ञोपवित संस्कार, शादी संस्कार, श्राद्धकर्म एवं तपर्ण कार्यक्रम का प्रतिवर्ष आयोजन होता है।

आर्थिक रूप से कमजोर लोग मंदिरों में कर रहे बच्चों की शादी

बढ़ती महंगाई के कारण शादी-विवाह का खर्च वहन करना आमजनों के लिए मुश्किल बनता जा रहा है। शहर में सार्वजनिक समारोहों के लिए जगह कम पड़ती जा रही है।  पूर्व में हर गांव में बड़े दालानों पर बारात ठहरने, सामूहिक भोज, आदि की व्यवस्था  मोहल्लेवासियों के आपसी सहयोग से संचालित हो जाते थे, लेकिन आज बिखरते सामाजिक संरचना के कारण अब आमजनों को सामाजिक समारोह करने में परेशानी  हो रही है। परिणाम स्वरूप आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो होटलों व मैरज हाल में  समारोह करने लगे हैं, लेकिन गरीब लोग मंदिर में शादी करने लगे हैं। 

गायत्री मंदिर सर्वोदय नगर

इस बाबत गायत्री मंदिर के मुख्य ट्रस्टी ब्रजनंदन राय व रामप्रसाद ने कहा कि दिन प्रतिदिन इस मंदिर में विविध संस्कार के लिए लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस वर्ष यहां 25 पुसवन संस्कार, 10 अन्न प्राशन, 21 नामाकरण, 30 विद्यारंभ, 15 मुडन, एक सौ यज्ञोपवित, 30 शादियां हो चुकी है।  इसके अलावा नौ श्राद्धकर्म, 54 तपर्ण कार्यक्रम भी इस मंदिर में हुए हैं। मंदिर में मुंडन के लिए 250 रुपये, यज्ञोपवित के लिए 11 सौ, विवाह के लिए 25 सौ वर पक्ष एवं 25 सौ कन्या पक्ष से शुल्क लिए जाते हैं। इसके अलावा शादी में वयस्क होना आवश्यक है। यहां आधार कार्ड, नाटरी से शपथ पत्र एवं गवाह होना आवश्यक है।

काली मंदिर, पोखरिया

काली मंदिर के पुजारी रविन्द्र कुमार ठाकुर ने भी बताया कि शादी का विशाल खर्च वहन करने में असमर्थ लोग यहां मंदिर में शादी को आते  हैं।  काली मंदिर में शादी का शुल्क 11 सौ  रुपये निर्धारित है। इसमें, पूजा, पंडित का दक्षिणा, पंडित का भोजन खर्च आदि शामिल है। यहां भी आधार कार्ड, मोबाइल  नंबर, आयु- प्रमाण पत्र,दोनो पक्षों से गवाह होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि  यहां इस माह लग्न आरंभ होने के बाद से लगभग 14 शादियां हुई है। बीते एक दिसंबर को भी कुल चार शादियां काली मंदिर में कराई गई है। बीते एक वर्ष से अधिक समय तक तो लाकडाउन के कारण मंदिर बंद ही रहा था।

हरिगिरिधाम मंदिर गढ़पुरा

क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर गिरिधाम में सितंबर से दो दिसंबर तक 84 शादियां हुई है। पिछले साल भर लाकडाउन से मंदिर परिसर बंद था। इस दौरान शुभ कार्य भी बंद रहे। यहां भी लड़का व लड़की पक्ष से 501-501 रुपये लिया जाता है।

बढ़ते तामझाम, महंगाई, समयाभाव भी मंदिरों में बढ़ती शादी का है कारण

शादियों में बढ़ते तामझाम यथा बैंडबाजा, डेकोरेशन, बारात के ठहराव, भोज, पटाखे, विधि-विधान में होने वाले खर्च, कन्या की विदाई के खर्च आज बढ़ती महंगाई के कारण आमजनों के बूते से बाहर होता जा रहा है। इसके अलावा कामकाजी लोगों को समयाभाव के कारण आमजन जल्दबाजी में सीमित खर्च में समारोह के निष्पादन के लिए ही मंदिरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

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