आज घर-घर विराजेंगी मां गंगे, घाट पर जाने से करें परहेज
गंगा दशहरा का पर्व इस बार लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच सोमवार को होगी मां गंगा की पूजा
पटना। गंगा दशहरा का पर्व इस बार लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच सोमवार यानी एक जून को मनाया जा रहा है। सनातन वैदिक धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा का पर्व हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर मां गंगा का श्रद्धापूर्वक स्मरण करने मात्र से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार महाराजा भागीरथ के अखंड तप व साधना से प्रसन्न होकर मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।
प्रात:काल से दोपहर तक स्नान-दान का मुहूर्त
आचार्य पीके युग ने स्कंद पुराण के हवाले से बताया कि इस दिन स्नान एवं दान का विशेष महत्व है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए इस दिन घर में ही गंगाजल से स्नान करते हुए गंगा चालीसा या शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ करें। स्नान एवं दान का शुभ मुहूर्त प्रात:काल से दोपहर 2:37 बजे तक है। इस दिन दान ब्राह्माण और असहाय को करें। इस दिन भद्रयोग का संयोग बन रहा है साथ ही गुरु और चंद्रमा का नव पंचम योग बनने से यह दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना और दान-पुण्य के लिए उपयोगी है।
घर में ही करें स्नान और पूजा-अर्चना
बांस घाट सिद्धेश्वरी काली मंदिर के पुजारी शशि बाबा ने कहा कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने का महत्व पौराणिक है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूरी श्रद्धा के साथ लोग घर में रखे गंगाजल से स्नान कर मां गंगा की पूजा-अर्चना कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
घर में रखे गंगाजल का करें उपयोग
सिद्धपीठ छोटी पटनदेवी के आचार्य अनंत अभिषेक द्विवेदी और विवेक द्विवेदी ने कहा कि गंगा दशहरा पर लोग मां गंगा को नमन करने एवं स्नान करने के लिए गंगा तट पर आकर पूजा-अर्चना करते रहे हैं। इस वर्ष परिस्थिति को देखते हुए लोग घरों में रखे गंगाजल से स्नान कर पूजा-अर्चना करें। गरीबों को भोजन व वस्तुओं का दान करें।
गरीबों को कराएं भोजन, करें दान
शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरि ने कहा कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान और नदियों में स्नान करने की परंपरा रही है। लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए लोगों से अपील है कि घरों में रहकर गंगाजल से स्नान कर मां गंगा को नमन करते हुए पूजा-अर्चना करें। साथ ही इस दिन गरीबों को भोजन कराने के साथ आवश्यक वस्तुओं का दान करें। इस मंत्र से करें मां गंगा का आह्वान
नमो भगवते दशपापहराये गंगाये नारायण्ये रेवत्ये शिवाये दक्षाये अमृताये विश्वरुपिण्ये नंदिन्ये ते नमो नम: गंगा स्नान का मंत्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिंधु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।। इस मंत्र का करें जाप
ओम नम: शिवाये नारायण्ये दशहराये गंगाये स्वाहेति जागरण अपील
लॉकडाउन में हमने मां गंगा को थोड़ी राहत क्या दी, उनका जल पहले की तरह साफ और शुद्ध दिखने लगा है। आम दिनों में हमारी लापरवाही ही गंगा के स्वरूप को प्रभावित करती है। इस गंगा दशहरा के मौके पर हम सभी संकल्प लें कि अपनी किसी गतिविधि से गंगा को अपवित्र या गंदा नहीं होने देंगे।