गांधी सेतु को ऑक्सीजन नहीं मिलने से पुनर्निर्माण बाधित

राजधानी को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 से जुड़े लोगों को राहत नहीं मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 01:37 AM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 01:37 AM (IST)
गांधी सेतु को ऑक्सीजन नहीं मिलने से पुनर्निर्माण बाधित
गांधी सेतु को ऑक्सीजन नहीं मिलने से पुनर्निर्माण बाधित

पटना सिटी : राजधानी को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 से जुड़े महात्मा गांधी सेतु पर भी कोरोना के कहर का असर हुआ है। पिलरों को काटने के लिए जरूरी ऑक्सीजन नहीं मिलने तथा महामारी के डर से अधिसंख्य मजदूरों के पलायन करने के कारण सेतु का पुनर्निर्माण कार्य बाधित है। सेतु के गुलजारबाग डिविजन के आधिकारिक सूत्र के मुताबिक ऑक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति के लिए पटना एवं वैशाली के जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। ऑक्सीजन समय पर नहीं मिला तो सेतु के पूर्वी लेन का निर्माण इस वर्ष पूरा होना संभव नहीं है। बरसात में गंगा जलस्तर बढ़ने पर पिलरों के डूब जाने से बचे हुए 13 पायों को काटने में समस्या उत्पन्न होगी। सूत्र का कहना है कि जलस्तर घटने का इंतजार करने में दो-तीन माह यूं ही बीत जाएगा।

विश्वसनीय सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी सेतु के 46 पायों में से पाया संख्या एक से 13 और 26 से 46 तक तोड़ा जा चुका है। तोड़े गए पाया संख्या एक, 4, 5, 28, 31, 33, 39 और 46 का पिलर कैप तैयार हो गया है। पाया संख्या 35 से 30 तक लोहे का गटर भी रखा गया है। इसमें नट-बोल्ट लगाने का काम जारी है। सूत्र की माने तो सेतु का केवल 13 पाया ही ऑक्सीजन न होने के कारण काटने के लिए बचा है। अधिकारिक सूत्र का कहना है कि ऑक्सीजन व कर्मी की कमी नहीं होती तो पिलर की कटिग का काम जून में पूरा हो जाता। इस देरी का कारण कांट्रैक्टर की परेशानी बढ़ गईै। गंगा में पानी बढ़ने से पहले ऑक्सीजन का इंतजाम कर बचे पिलरों को नहीं काटा गया तो सेतु के पूर्वी लेन का सुपर स्ट्रक्चर तैयार करने में विलंब हो जाएगा। ऐसे में गांधी सेतु से सिगल पश्चिमी लेन से वाहनों की आवाजाही होने के कारण जाम की समस्या बनी रहेगी।

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