सदर अस्पताल की कमियों को ले रोगी कल्याण समिति सदस्यों में रोष

श्री गुरु गोविद सिंह सदर अस्पताल में इमरजेंसी और ओटी चौबीस घंटे और सातों दिन संचालित नहीं हो रही है। इससे रोगी कल्याण समिति के सदस्यों में आक्रोश है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Dec 2020 12:29 AM (IST) Updated:Sat, 19 Dec 2020 12:29 AM (IST)
सदर अस्पताल की कमियों को ले रोगी कल्याण समिति सदस्यों में रोष
सदर अस्पताल की कमियों को ले रोगी कल्याण समिति सदस्यों में रोष

पटना सिटी । श्री गुरु गोविद सिंह सदर अस्पताल में इमरजेंसी और ओटी चौबीस घंटे और सातों दिन सुनिश्चित नहीं हो पाने के कारण रोगी कल्याण समिति के सदस्यों में रोष है। लगभग एक साल बाद शनिवार को बुलायी गयी समिति की बैठक हंगामेदार होने की संभावना है। अस्पताल के समीप रात्रि के समय दवा न मिलने, डॉक्टरों के प्रतिनियुक्ति पर रहने, कई विभाग बंद रहने, सभी जांच नहीं होने समेत अन्य कमियों को लेकर विरोध के स्वर तेज होंगे।

रोगी कल्याण समिति के सदस्य अधिवक्ता नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि अस्पताल में कमियां अधिक हैं। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री, प्रधान सचिव से लेकर तमाम आला अधिकारी बार-बार आकर समीक्षा करते हैं लेकिन कमियों दूर नहीं हो पा रही हैं। यहां के कई डॉक्टर अभी भी अस्पताल से बाहर प्रतिनियुक्ति पर हैं। कई विभाग डॉक्टर के अभाव में बंद पड़े हैं। निश्चेतना विभाग में केवल एक डॉक्टर होने के कारण 24 घंटे और सातों दिन इमरजेंसी तथा ओटी नहीं चल पा रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के ओटी और वार्ड में मरीजों की संख्या हमेशा दस के अंदर ही रहती है। इस सदर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था तथा सेवा का समुचित इंतजाम नहीं होने के कारण मरीज यहां से रेफर कर दिए जाते हैं। एक्स-रे के लिए अभी भी पीपी मोड पर मैनुअल एक्सरे मशीन ही उपलब्ध है। इस अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन बेहद आवश्यक है। डॉक्टर हमेशा एक्सरे की जांच रिपोर्ट पर आपत्ति जताते रहे हैं।

वहीं रोगी कल्याण समिति की सदस्य पूर्व पार्षद सीता सिन्हा ने बताया कि इस सदर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में महिला डॉक्टर की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं एवं प्रसूति के लिए आने वाली महिलाओं को पलायन करना पड़ता है। रात में अस्पताल परिसर तथा अस्पताल के आसपास कोई भी दवा दुकान नहीं खुली होने से मरीज यहां भर्ती होने से डरते हैं। अस्पताल में आवश्यक सभी दवाइयां उपलब्ध नहीं होती हैं। रोगी कल्याण समिति की सदस्य कांति देवी ने कहा कि समिति की बैठक नियमित रूप से नहीं होने के कारण विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। साथ ही समिति अस्पताल से जुड़े आवश्यक निर्णय नहीं ले पाती है। उन्होंने रोगी कल्याण समिति की बैठक हर एक महीने बाद किए जाने को जरूरी बताया।

अस्पताल की कमियों के संबंध में अधीक्षक डॉ पशुपति प्रसाद सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर अस्पताल में उन्हें लौटाने से लेकर डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने। बंद पड़े विभाग को खोलने, जांच की सुविधा को और बेहतर करने की दिशा में पत्राचार जारी है।

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