पटना में आज से सजेगी सुरों की म‍हफिल, दो दिनों तक देश के जाने-माने कलाकारों की होगी प्रस्‍तुति

कोरोना संक्रमण और लाकडाउन के लगभग डेढ़ वर्ष बाद सुरों के सच्चे साधक पटना के संगीत प्रेमियों से रूबरू होंगे। देश के अलग-अलग कोने में अपने सुरों से अभिभूत करने वाले शास्त्रीय गायक व वादक पटना में आयोजित होने वाले नवांकुर संगीत समारोह में प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीतेंगे।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 08:11 AM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 08:11 AM (IST)
पटना में आज से सजेगी सुरों की म‍हफिल, दो दिनों तक देश के जाने-माने कलाकारों की होगी प्रस्‍तुति
पटना में प्रस्‍तुति देने आएंगे कई कलाकार। फाइल फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण और लाकडाउन के लगभग डेढ़ वर्ष बाद सुरों के सच्चे साधक पटना के संगीत प्रेमियों से रूबरू होंगे। देश के अलग-अलग कोने में अपने सुरों से अभिभूत करने वाले शास्त्रीय गायक व वादक पटना में आयोजित होने वाले नवांकुर संगीत समारोह में उम्दा प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीतेंगे। विद्यापति मार्ग स्थित पटना आर्ट कालेज परिसर में पेड़-पौधे और शिल्प कलाकृतियों के बीच आसमान के नीचे चार व पांच दिसंबर को संगीत व वादन की महफिल सजेगी। संगीत मर्मज्ञ व नवरस स्कूल आफ परफार्मिंग आर्ट्स के संस्थापक व जाने-माने हार्ट सर्जन डा. अजीत प्रधान की ओर से कार्यक्रम का आयोजन कराया जा रहा है। 

डा. अजीत प्रधान ने बताया कि कोरोना संक्रमण व लाकडाउन के दौरान नवरस स्कूल की ओर से आनलाइन कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं, लेकिन ढाई वर्ष खुले मंच पर इस प्रकार का भव्य आयोजन करना बड़ी बात है। यह आयोजन वर्ष 2022 के मार्च में होना था, लेकिन कलाकारों की सहमति मिलते ही दिसंबर में आयोजित हो गया। कार्यक्रम का उद्घाटन चार दिसंबर को शाम साढ़े चार बजे से होगा। कार्यक्रम अलग-अलग समय के साथ रागों पर आधारित होगा, जो आम तौर पर कम देखने को मिलता है। 

वायलिन वादक नंदिनी शंकर की प्रस्‍तुति से कार्यक्रम की शुरुआत 

समारोह का शुभारंभ चार दिसंबर को शाम देश के जानी मानी वायलिन वादक नंदिनी शंकर करेंगी। वे राग पटदीप के मधुर धुनों से सबको आनंदित करेंगी। इनके साथ संगत कलाकार में तबले पर इशान घोष रहेंगे। वहीं, शाम छह बजे ग्वालियर घराने से संबंध रखने वाले पंडित ओमकार दादरकर राग छाया नट से कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इसके बाद राग जय जयवंती व राग बागेश्री से कार्यक्रम का अंत करेंगे। पंडित ओमकार भजन 'राधा मधु मिङ्क्षलद जय-जय, रमा रमण हरि गोविंद की प्रस्तुति देंगे। संगत कलाकारों में तबले पर पंडित विनोद लेले और हारमोनियम पर विनय मिश्रा होंगे। 

कश्यप बंधुओं की होगी उम्दा प्रस्तुति 

समारोह के दूसरे दिन पांच दिसंबर को सुबह परिसर में कार्यक्रम की शुरुआत कश्यप बंधुओं की प्रस्तुति से होगी। दूसरे और अंतिम दिन की प्रस्तुति सुबह 11 बजे से प्रभाकर, दिवाकर कश्यप जो मूल रूप से छपरा के रहने वाले हैं। वे सुबह के समय राग जौनपुरी, राग अल्हैया बिलावल, की प्रस्तुति देने के बाद राग गौड़ सारंग,व भजन से कार्यक्रम का समापन करेंगे। वहीं, शाम पांच बजे सरोद की सुरीली आवाज से सावनी ङ्क्षशदे राग मारू बिहाग की प्रस्तुति देंगे। इनके सुरों में श्रोताओं को किराना व ग्वालियर घराने का मिश्रण सुनने को मिलेगा। इनके साथ तबले पर विनोद लेले और हारमोनियम पर विनय मिश्रा होंगे। इसके साथ प्रतीक श्रीवास्तव अपने सुरीले आवाज से रागों की प्रस्तुति देंगे। डा. अजीत प्रधान ने बताया कि शहर में इस प्रकार के आयोजन कई वर्ष पूर्व दुर्गापूजा के समय सुनने को मिलता था। उस दौरान देश के जाने माने दिग्गज कलाकारों को सुनने के लिए पूरा शहर रात भर जगता था।

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