लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी : फौजिया राणा
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है
पटना। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है। हमारे पिता ने जो बयान दिया, उसे समझकर ही लोगों को टिप्पणी करनी चाहिए ना कि बयान देने वाले को देशद्रोही साबित करने में लग जाना चाहिए। उक्त बातें प्रसिद्ध शायर मुन्नवर राणा की बेटी फौजिया राणा ने मंगलवार को फ्रेजर रोड स्थित कासा पिकोला बैंक्वेट हॉल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं।
फौजिया ने कहा कि उनके पिता के बयान को भड़काऊ बताया जा रहा है। कुछ राजनीतिक दल उस बयान को तोड़-मरोड़कर प्रोजेक्ट कर रहे हैं। फौजिया ने कहा कि उनके पिता को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन फैसले के चंद दिन बाद जब गोगोई को राज्यसभा भेज दिया जाता है, तो शक जरूर होता है। फैसले की कई चीजें आशंका पैदा करती हैं। मैं यह कहना चाहती हूं कि जिस वक्त फैसला नहीं आया था, उस वक्त बीजेपी के कई नेताओं ने बयान दिया कि फैसला कुछ भी हो मंदिर वहीं बनेगा, तो क्या ये सुप्रीम कोर्ट की बेइज्जती नहीं थी। हमने हर मंच पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मंजूर है। मेरे पिता ने कहा कि प्रधानमंत्री वहां जाते हैं, अच्छी बात है वो जाएं, लेकिन क्या वजह है कि प्रेसिडेंट साहेब वहां नहीं जाते हैं। उनको क्या दलित होने के नाते नहीं बुलाया गया। लोकतंत्र में हम अपनी बात रख सकते हैं। कोई आपत्ति करता है तो उसे समझकर टिप्पणी करना चाहिए। मैं जानना चाहती हूं कि क्या देशभक्त होने के लिए भारतीय जनता पार्टी में जाना पड़ेगा।