बिहारः निगरानी की छापेमारी में चार कर्मी गिरफ्तार, ड्यूटी में लापरवाही पर एएनएम निलंबित, एपीएचसी पर कार्रवाई
प्रशिक्षु दारोगा में चयनित अभ्यर्थियों के फिटनेस प्रमाणपत्र बनाए जाने के दौरान भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिला निगरानी समिति की हुई छापेमारी से खलबली मच गई। प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल द्वारा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय आवेदन की सुनवाई की गई।
जागरण संवाददाता, बेगूसराय : प्रशिक्षु दारोगा में चयनित अभ्यर्थियों के फिटनेस प्रमाणपत्र बनाए जाने के दौरान भ्रष्टाचार की शिकायत पर शनिवार की दोपहर जिला निगरानी समिति की हुई छापेमारी से खलबली मच गई। मुख्यालय डीएसपी निशीथ प्रिया के नेतृत्व में हुई छापेमारी में अस्पताल के चार आपरेटर को रिश्वत की राशि के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए कर्मियों रामदीरी निवासी रंजीत कुमार, बरौनी निवासी मो. तौफिक, डुमरी निवासी चंदन कुमार व कैथमा निवासी शशि कुमार से नगर थाने में पुलिस के वरीय पदाधिकारियों द्वारा पूछताछ की गई।
जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि सदर अस्पताल में फिटनेस प्रमाणपत्र बनाने में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। इसके बाद डीडीसी सुशांत कुमार को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। समिति ने रुपये के नंबर चिन्हित कर अभ्यर्थियों को देकर कर्मियों को दबोचने को जाल बिछाया और छापेमारी में गिरफ्तार आपरेटरों के पास चिन्हित नोट मिले और उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार कर्मियों से पूछताछ की जा रही है, भ्रष्टाचार में मिलीभगत पाए जाने पर अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
ड्यूटी में लापरवाही पर तीन एएनएम निलंबित, एपीएचसी पर कार्रवाई
प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल द्वारा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय आवेदन की सुनवाई की गई। परिवादी को नियत समय के भीतर न्याय प्रदान करते हुए लाभान्वित किया गया। शनिवार को पटना, नालंदा, कैमूर जिले के 13 मामलों की सुनवाई की गई।
मनोज कुमार और भूषण कुमार ने बिहार शरीफ स्थित कारगिल बस स्टैंड में बंदोबस्तधारियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत की गई। नगर आयुक्त नालंदा को संबंधित मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा गया।
विकास आनंद ने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेल्हाड़ा में प्रसव की व्यवस्था /एंटी रैबिज/ सर्पदंश की दवा नहीं रहने की शिकायत की थी। चिकित्सा पदाधिकारी डा. दीपाश्री के विरुद्ध प्रपत्र कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। कैमूर के संजीत कुमार खरवार ने शिकायत की कि उसके द्वारा पत्नी का प्रसव कराने के लिए सदर अस्पताल कैमूर लाया गया, जहां पर समुचित इलाज नहीं की गई तथा उन्हें प्राइवेट अस्पताल सुविधा पाली क्लीनिक रेफर किया गया, जहां चिकित्सीय लापरवाही के कारण देहांत हो गया। प्रमंडलीय आयुक्त ने तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डा. प्रेम राजन के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश जिलाधिकारी कैमूर को दिया गया। क्लीनिक के संचालक संजय कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
इसके अतिरिक्त सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त तीन एएनएम मनोरमा कुमारी, सुषमा कुमारी और सुनीता कुमारी को निलंबित कर दिया गया। आशा कार्यकर्ता संजू कुमारी को चयन मुक्त किया गया है। बीसीएम चैनपुर विवेक कुमार को एक माह के मानदेय में 40 फीसद की राशि की कटौती की गई है। लोक शिकायत की सुनवाई में उप विकास आयुक्त रिचि पांडे, सर्व नारायण यादव, धीरेंद्र झा, अनुमेहा कुमारी सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिलाधिकारी कैमूर नालंदा के साथ कई अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।