बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा- मामूली नहीं बड़े सशक्‍त पीएम हो सकते हैं नीतीश कुमार

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि नीतीश कुमार मामूली नहीं बड़े सशक्‍त पीएम मैटेरियल हैं। वर्तमान में उनसे अच्‍छा कोई पीएम नहीं हो सकता। मांझी ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:55 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:55 AM (IST)
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा- मामूली नहीं बड़े सशक्‍त पीएम हो सकते हैं नीतीश कुमार
बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी। फाइल फोटो

पटना, आनलाइन डेस्‍क। बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पीएम मैटेरियल बताए  जाने को लेकर इन  दिनों चर्चा का बाजार गर्म है। इसको एनडीए की मुख्‍य सहयोगी दल भाजपा ने कड़ा एतराज जताया है। इस बीच एनडीए के सहयोगी हम के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने भी नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया है। उन्‍होंने कहा कि नीतीश कुमार मामूली नहीं बल्कि बड़े सशक्‍त पीएम मैटेरियल है। उन्‍होंने जातीय जनगणना (Caste Census) कराए जाने  पर भी जोर दिया है। हालांकि यह भी कहा कि बिहार में सबकुछ ठीक है। एनडीए की सरकार अच्‍छे तरीके से चल रही है। 

चार महीने पहले भी कही थी यह बात

सीएम नीतीश कुमार में हर वैसा गुण है जो पीएम में  होना चाहिए। सीएम नीतीश कुमार तो पीएम मैटेरियल हैं ही। वह भी मामूली नहीं बल्कि बड़े सशक्‍त पीएम मैटेरियल हैं। उनसे अच्‍छा प्राइम मिनस्टर के रूप में कोई नहीं हो सकता, यदि पीएम बनने की बात हो तो। मांझी  ने कहा कि यह बात उन्‍होंने चार महीने पहले भी कही थी।एनडीए के घटक दलों में सामंजस्‍य के मुद्दे पर उन्‍होंने कहा कि हर दल की अपनी आइडियोलॉजी है। बाबा साहेब आंबेडकर ने भी कहा था कि जहां मतभेद हो, वहां जांच होनी चाहिए। इसलिए हम मांग करते हैं कि पेगासस फोन टैपिंग मामले की जांच होनी चाहिए। कोई कुछ बोल दे इससे गठबंधन पर असर नहीं पड़ सकता। आगे क्‍या होगा, कौन जानता है। 

हर हाल में होनी चाहिए जातीय जनगणना 

जातीय जनगणना हंड्रेड परसेंट होनी चाहिए। बाबा साहेब के सिद्धांतों का हवाला देते हुए उन्‍होंने कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी, उतनी मिलेगी हिस्‍सेदारी। उसी आधार  पर आरक्षण का फार्मूला लागू है। इसलिए जातीय जनगणना जब तक नहीं होगी, यह पता नहीं चलेगा कि किसकी क्‍या हैसियत है। अभी तो घालमेल की स्थिति है। इसलिए हर हालत में जातीय जनगणना जरूरी है। इसका हम समर्थन करते हैं।   

chat bot
आपका साथी