नालंदाः वन विभाग ने पहली बार बहेलियों पर कसा शिकंजा, बिक्री के लिए पिंजड़े में रखे पक्षी जब्त

बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहे के निकट से वन विभाग की टीम ने तोते व अन्य चिड़ियों से भरे कई पिंजड़ों को जब्त किया है। इन पिंजड़ों में रोज रिंग्ड पैराकीट (मिठू तोता) और पल्म हेडेड पैराकीट व मुनिया प्रजाति के तोते के अलावा अन्य प्रजाति की चिड़िया थी।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 03:32 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 03:32 PM (IST)
नालंदाः वन विभाग ने पहली बार बहेलियों पर कसा शिकंजा, बिक्री के लिए पिंजड़े में रखे पक्षी जब्त
नालंदा में बेचने के लिए ले जाए जा रहे जब्त पक्षी।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: वन विभाग ने पहली बार पक्षियों पर क्रूरता के खिलाफ दिखने लायक कार्रवाई की है। इधर-उधर घूमकर पक्षियों को बेचने वाले बहेलिए पर शिकंजा कसा गया है। गुरुवार को बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहे के निकट से वन विभाग की टीम ने तोते व अन्य चिड़ियों से भरे कई पिंजड़ों को जब्त किया है। हालांकि, इसे बेचने वाले बहेलिए पक्षी व पिंजड़ा छोड़ कर भाग निकलने में सफल रहे। इन पिंजड़ों में रोज रिंग्ड पैराकीट, (मिठू तोता) और पल्म हेडेड पैराकीट व मुनिया प्रजाति के तोते के अलावा अन्य प्रजाति की चिड़िया थी। यहां बता दें कि इनकी बिक्री करना भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अनुसार प्रतिबंधित है। इसमें कड़े दंड का भी प्रावधान है।

शिकारियों को ट्रेनिंग देकर बनाना होगा संरक्षक

वन्यजीव संरक्षण की दिशा में काम कर रहे जिले के निवासी व बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया से जुड़े राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार विभाग को सूचना देकर संरक्षित पशु-पक्षियों को कैद से मुक्त करवाया है। हालांकि, शहर में खुलेआम फेरी लगाकर बिक्री करने वाले बहेलिए से पक्षियों को मुक्त कराना अच्छी कार्रवाई है। इससे कड़ा संदेश जाएगा। बहेलियों को ट्रेनिंग देकर पशु-पक्षियों के संरक्षण के काम से जोड़ना होगा। तभी इनके शिकार व व्यापार पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी। राहुल ने कहा कि बहेलिये पक्षियों के आचार-व्यवहार के अच्छे जानकार होते हैं। बस उनकी समझ और ऊर्जा का सकारात्मक दिशा में करने की जरूरत है। राजगीर नेचर सफारी और वाइल्ड लाइफ सफारी में ट्रेंड बहेलियों का नियोजन किया जा सकता है। राहुल ने बताया कि बिहारशरीफ से जब्त किए गए पक्षियों में रोज रिंग्ड पैराकीट (मिठू तोता) और पल्म हेडेड पैराकीट (टूइयां तोता) है। यह दोनों प्रजाति स्थानीय है। इन्हें नजदीकी पर्यावास में छोड़ा जा सकता है। 

आगे भी होती रहेगी ऐसी कार्रवाई

रेंज ऑफिसर सुनील कुमार ने कहा कि आगे भी इस तरह की कार्रवाई होती रहेगी। विभाग पशु-पक्षी क्रूरता के खिलाफ काफी सजग है। इन पक्षियों को खुले जंगली परिवेश में छोड़ दिया जाएगा। 

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