काला और लाल पानी से घिरी मिरचाई घाट की आबादी

पटना सिटी । वार्ड 66 के उत्तर में गंगा किनारे मिरचाई घाट पर बसी आबादी बाढ़ के पानी से घिर चुकी है। ग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Sep 2018 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 09:00 AM (IST)
काला और लाल पानी से घिरी मिरचाई घाट की आबादी
काला और लाल पानी से घिरी मिरचाई घाट की आबादी

पटना सिटी । वार्ड 66 के उत्तर में गंगा किनारे मिरचाई घाट पर बसी आबादी बाढ़ के पानी से घिर चुकी है। गंगा के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के बाद से नदी का लाल पानी बस्ती छूने को बेताब है। वहीं शहर के नालों का यहां जमा होने वाला काला पानी बस्ती में प्रवेश कर गया है। घर आने-जाने के रास्ते डूब चुके हैं। इस बस्ती के लोग गंदे पानी में डूब कर आने-जाने को मजबूर हैं।

सबसे अधिक परेशानी इस बस्ती में रहने वाले बुजुर्ग, महिलाओं व बच्चों को हो रही है। इन्होंने बताया कि किसी बीमार को अस्पताल तक ले जाने में जोखिम उठाना पड़ता है। एम्बुलेंस घर तक नहीं आ पाता है। लोगों ने बताया कि मिरचाई घाट स्थित बस्ती में लोग वर्षों से रह रहे हैं। गंगा में तेजी से बढ़ रहे पानी पर सबकी नजर टिकी है। अचानक कभी भी लाल पानी बस्ती में प्रवेश कर सकता है। लोगों ने बताया कि पुराने सिटी कोर्ट से होकर नाले का पानी यहां तक पहुंच रहा है। नालों से गिरने वाले पानी का बहाव यहां से आगे नहीं है। यहां हुए भवन निर्माण के दौरान नाला को बंद कर दिया गया था, जिसकी शिकायत डीएम, एसडीओ से लेकर सभी अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। निगम के कार्यपालक पदाधिकारी ने आकर स्थिति का जायजा परन्तु समस्या आज भी बरकरार है। बस्ती के एक तरफ नाला तो दूसरी तरफ गंगा पानी लोगों को डरा रहा है।

पार्षद बोलीं- रास्ता निर्माण को हुआ है टेंडर

वार्ड 66 की पार्षद कान्ति देवी ने कहा कि मिरचाई घाट पर बसे लोगों को एक ओर नाला और दूसरी ओर गंगा के पानी से गिर जाने का खौफ और खतरा है। बस्ती का रास्ता नाला के पानी में डूब चुका है। पथ निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है। नाला का काला पानी यहां जमा होने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ गई है। पूर्व में कंगन घाट के समीप गड्ढा खोद कर नाला का पानी निकलवाया गया था। पदाधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी समस्या यथावत है।

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