Flood in Bihar: गंडक में फिर आया 1.71 लाख क्यूसेक पानी, गोपालगंज पर मंडराया बाढ़ का खतरा
मुजफ्फरपुर में गंडक बूढ़ी गंडक और बागमती खतरे के निशान के पास। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में बाढ़ कहर जारी। वज्रपात से प्रदेश में रिटायर्ड फौजी समेत पांच लोगों की मौत। वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़े जाने से स्थिति गंभीर।
पटना, जागरण टीम। बिहार में नदियों (Rivers of Bihar) के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। कई जगह नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं दरभंगा व मधुबनी में इन दिनों बाढ़ से स्थिति गंभीर है। वहीं मंगलवार को नेपाल में बारिश का पानी वाल्मिकीनगर बराज (Valmiki Nagar Barrage) से छोड़े जाने के बाद गंडक नदी के जलस्तर में फिर बढ़ोतरी प्रारंभ हो गई है। इधर, बारिश के दौरान वज्रपात से प्रदेश में रिटायर्ड फौजी समेत पांच लोगों की मौत हो गई।
गंडक में 1.71 लाख क्यूसेक पानी किया डिस्चार्ज
बुधवार को फिर गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज लेवल बढ़कर 1.71 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के कारण सारण तटबंध में कटाव की संभावना बढ़ गई है। इससे गोपालगंज पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं ने तटबंध की निगरानी बढ़ा दी है। पहले से बाढ़ से घिरे निचले इलाके के 43 गांवों के लोगों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग ने फिलहाल तटबंध को सुरक्षित बताया है। सारण तटबंध की 24 घंटे निगरानी का निर्देश जारी किया गया है।
कुनौली-निर्मली मार्ग पर खतरा
इधर, मधुबनी के लौकही में पिछले दो दिनों में हुई बारिश से सभी पहाड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। बुधवार को पहाड़ी नदी घोरदह में जलस्तर बढऩे से पानी डायवर्सन के ऊपर से बहने लगा है। निर्मली-कुनौली पथ पर डायवर्सन के सहारे आवागमन है, अगर यह टूटा तो कुनौली व निर्मली रूट बाधित हो जाएगा। कुनौली से पटना, दरभंगा व मुजफ्फरपुर जाने का मार्ग भी ठप हो जाएगा। कमला नदी के जलस्तर में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि धौंस, यमुनी व रातो का जलस्तर बढ़ रहा है।
कुशेश्वरस्थान में बाढ़ की स्थिति गंभीर
समस्तीपुर में खानपुर, बिथान में बाढ़ का कहर जारी है, जबकि समस्तीपुर-दरभंगा रेललाइन पर भी गंडक का दबाव बना हुआ है। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में बाढ़ कहर बरपा रही है। पश्चिम चंपारण में सिकटा नदी के ध्वस्त बांध ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मुजफ्फरपुर में गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। वहीं शिवहर में बागमती के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। मंगलवार को डूबाघाट रेनगेज पर बागमती नदी का जलस्तर 61.15 मीटर दर्ज किया गया है। बाढ़ में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के चलते सीतामढ़ी-शिवहर एनएच-104 और शिवहर-चंपारण एसएच-54 पर आवागमन बाधित है।
वज्रपात से राज्य में पांच की मौत
वहीं बुधवार को वज्रपात की कई घटनाओं में प्रदेश में पांच लोगों की जान चली गई। भोजपुर जिले में बारिश के दौरान वज्रपात से एक छात्रा समेत दो लोगों की मौत हो गई। पीरो में वज्रपात से छोटक सिंह की 12 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी की जान चली गई। जबकि शाहपुर थाना क्षेत्र में रिटायर्ड फौजी 50 वर्षीय वीरेंद्र पांडेय की मौत हो गई। गया जिले के गुरारू प्रखंड के मनियार विगहा गांव में हल जोत रहे किसान भुनेश्वर यादव आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। नालंदा में परासी गांव के अधेड़ 50 वर्षीय वीरू ङ्क्षबद की वज्रपात ने जान ले ली। जहानाबाद जिले के परस विगहा थाना क्षेत्र के करहरी मठिया गांव में रीना देवी पर खेत में वज्रपात हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई।