मछली बिक्री से प्रतिबंध पूरी तरह हटाए राज्य सरकार
मछली बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों से मछुआरे पटना पहुंचे।
पटना। मछली बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों से मछुआरों का जुटान शुक्रवार को गर्दनीबाग धरनास्थल पर हुआ। बिहार राज्य मछली व्यवसायी संघ के अध्यक्ष अनुज कुमार ने जिंदा मछली की बिक्री की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी तथा मांग किया कि मछली बिक्री पर पूर्णरूप से रोक हटाएं। आंध्र और पश्चिम बंगला की मछलियां दूसरे राज्यों में भी जाती हैं और वहां प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वहां हुई जांच में किसी प्रकार की गड़बड़ी भी नहीं मिली है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए मछुआरों ने कहा कि रोक नहीं हटी तो राज्यभर में मछली बिक्री बंद कर दी जाएगी। धरना समाप्ति के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सचिवालय में जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
संघ के अध्यक्ष अनुज कुमार ने कहा कि आंध्रप्रदेश और बंगाल की मछली बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए। दूसरा राज्य रोक नहीं लगाया तो बिहार क्यों लगाया है। मछली की जांच भारत सरकार से मान्यता प्राप्त फिश कीट से कराई जाए। फर्मलिन दूसरे राज्य में जांच के बाद क्यों नहीं मिला। मछली जांच टीम में संघ के प्रतिनिधि को शामिल किया जाए। सात वर्ष की सजा और 10 लाख रुपये आर्थिक दंड वापस लिया जाए। बेरोजगारी के कगार पर पहुंच चुके थोक व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को हुए आर्थिक नुकसान पर सरकार न्यायसंगत निर्णय लें। गौतम स्वामी, तमन्ना रहमान, मोहन स्वामी आदि मौजूद थे।
दूसरी तरफ वीआइपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने नेतृत्व में भी धरना दिया गया। मुकेश ने आंध्रा प्रदेश की मछली से अतिशीघ्र रोक हटाने की मांग की। कहा कि सरकार का यह फैसला निषाद और मछुआरा विरोधी है। मुकेश ने कहा कि बिहार में दूसरे राज्यों की मछली बिक्री बंद करने का सरकार का यह फैसला निषाद तथा मछुआरा विरोधी है। बिहार के प्रत्येक हिस्सों में पार्टी द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।