पटना साहिब स्थित तख्त श्रीहरिमंदिर जी प्रबंधक समिति के अध्यक्ष समेत पांच पर प्राथमिकी
तख्त श्रीहरिमंदिर प्रबंधक समिति के महासचिव व सचिव ने बताया कि साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। जांच समिति गठित कर दी गई है। रविवार को रिपोर्ट आने के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा। थानाध्यक्ष गौरीशंकर गुप्ता ने बताया कि मामले की पड़ताल की जा रही है।
पटना सिटी, जागरण संवाददाता। Bihar Crime: दुनियाभर के सिखों की श्रद्धा के बड़े केंद्र और दसवें गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली के तौर पर ख्यात तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब (Takht Shree Harimandirji Patna Sahib) प्रबंधक समिति के अध्यक्ष, महासचिव, सचिव, अधीक्षक और प्रबंधक के खिलाफ लंगर की सामग्री को अनधिकृत रूप से बेचने का मामला पटना सिटी चौक थाने में दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष गौरीशंकर गुप्ता ने बताया कि मामले की पड़ताल की जा रही है। इधर, प्रबंधक समिति के महासचिव व सचिव ने बताया कि साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। जांच समिति गठित कर दी गई है। रविवार को रिपोर्ट आने के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने दर्ज कराई प्राथमिकी
सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉ. बलराम सिंह द्वारा एक दैनिक समाचार पत्र (दैनिक जागरण नहीं) में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह हित, महासचिव सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन, सचिव सरदार महेंद्र सिंह छाबड़ा, अधीक्षक सरदार दलजीत सिंह, प्रबंधक दिलीप सिंह पटेल के खिलाफ आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
गुरु्द्वारे का गेहूं आटा मिल में बेचने का आरोप
दिए गए आवेदन में आरोप है कि जत्थेदार द्वारा संग्रहित किए गए 718 क्विंटल 30 किलोग्राम गेहूं को अनधिकृत रूप से गुरु का बाग स्थित एक फ्लावर मिल को बेचा गया। साथ ही विक्रय के बाद प्राप्त नौ लाख रुपये को गुरुद्वारा के खाते में जमा कराया गया। बाकी रकम का कोई हिसाब नहीं दिया गया। गेहूं को बेचने की दर का भी उल्लेख नहीं किया गया। समिति के पदाधिकारी द्वारा एक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि कोविड 19 के सहायतार्थ जरुरतमंदों के बीच अनाज वितरण किया गया। आरोप है कि किसी प्रकार का कोई अनाज वितरण नहीं हुआ है।
सिखों की आस्था का बड़ा केंद्र है गुरुद्वारा
यह गुरुद्वारा सिखों की आस्था का बड़ा केंद्र है। गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश उत्सव पर यहां बहुत बड़ा समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आए थे। दसवें गुरु के बचपन का लंबा हिस्सा यहीं गुजरा था। तख्त श्री हरिमंदिर ठीक उसी जगह है, जहां दसवें गुरु का अवतरण हुआ था।