स्वास्थ्य मंत्री ने दवाएं खाकर की फाइलेरिया उन्मूलन की शुरुआत

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया के कारण होने वाले हाथीपांव हाइड्रोसिल समेत अन्य शारीरिक विसंगतियां काफी कष्टदायी होती हैं। पोलियो की तरह इसे भी पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। इसके लिए जिन्हें यह रोग नहीं है उन्हें भी पांच वर्ष लगातार साल में एक बार दोनों दवाएं खानी होंगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 02:56 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 02:56 AM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री ने दवाएं खाकर की 
फाइलेरिया उन्मूलन की शुरुआत
स्वास्थ्य मंत्री ने दवाएं खाकर की फाइलेरिया उन्मूलन की शुरुआत

पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया के कारण होने वाले हाथीपांव, हाइड्रोसिल समेत अन्य शारीरिक विसंगतियां काफी कष्टदायी होती हैं। पोलियो की तरह इसे भी पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। इसके लिए जिन्हें यह रोग नहीं है, उन्हें भी पांच वर्ष लगातार साल में एक बार दोनों दवाएं खानी होंगी। फाइलेरिया उन्मूलन में आमजन की भागीदारी जरूरी है। लोग खुद दवाएं खाने के साथ दूसरों को भी प्रेरित करें क्योंकि जब सभी लोग फाइलेरियारोधी दवाएं खाएंगे, तभी उन्मूलन होगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को खुद दोनों दवाएं खाकर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पटना समेत 22 जिलों में 14 दिन तक यह कार्यक्रम चलेगा। घर-घर जाकर फाइलेरियारोधी दवाएं खिलाने के क्रम में कोरोना मानकों के पालन को कटोरी माध्यम से दवा खिलाई जाएगी। फाइलेरियारोधी दवा खिलाने वाली टीम को हर घर से एक स्वयंसेवी तैयार करने को भी कहा गया है। अभियान की सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे लोगों को जागरूक करें। 22 जिलों के 7 करोड़ 56 लाख लोगों को कटोरी विधि से फाइलेरियारोधी दवाएं खिलाने का लक्ष्य है। फाइलेरिया दवाओं का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि फाइलेरिया 16 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों की एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। यह मच्छर के काटने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार फाइलेरिया दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडा•ाोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाले कीड़ों का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। वहीं, महापौर सीता साहू ने वार्ड स्तर पर जोरशोर अभियान चलाने को कहा।

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पीड़ितों का इलाज भी किया जाएगा

नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम की अपर निदेशक डा. नुपूर राय ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम साथ ही पीड़ितों का इलाज भी किया जाएगा।

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इन्हें नहीं खानी है दवा

- 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे

-गर्भवती महिलाएं

-अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति

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सामने खिलाएंगे ये दवाएं

स्वास्थ्यकर्मी फाइलेरियारोधी दवाएं डीईसी यानी डाईइथाइल कार्बामाजीन साइट्रेट टैबलेट 100 मिलीग्राम और कीड़े की दवा अल्बेंडाजाल 400 मिलीग्राम अपने सामने खिलाएंगे।

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