मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान की मौत से पटना के प्रशंसक उदास, क्या हुआ था जब आईं थीं पटना, जानिए इस खबर में
डोला रे डोला एक दो तीन दिल धक-धक करने लगा जैसे गानों की कोरियोग्राफर की कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत से पटना के प्रशंसक को झटका प्रशंसकों ने यादें साझा कीं
जेएनएन पटना। शुक्रवार को बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान के निधन से पटना के उनके प्रशंसक काफी दुखी हैं। सरोज खान का जन्म 22 नवम्बर 1948 को बंबई में हुआ था। 3 जुलाई 2020 को कार्डियाक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में 200 से भी अधिक फिल्मों में काम किया। उनका पटना से पुराना नाता रहा है। वो अपने कैरियर में दो बार इस शहर में आ चुकी हैं। पहली बार 2013 में मेमोरियल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में आई थीं । मौसम शर्मा ने बताया कि मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम के दौरान बच्चों की प्रस्तुति को देखते हुए उनका मनोबल बढ़ा रही थीं। 2014 में वह बोरिंग रोड स्थित डांस एकेडमी में आईं थीं।
2013 में बनीं थीं जागरण डांडिया की जज
दैनिक जागरण की ओर से 2013 के अक्टूबर माह में आयोजित डांडिया प्रतियोगिता में सरोज खान बतौर जज शामिल हुईं थीं। पुरानी यादों को साझा करते हुए उन्होंने बताया था कि बचपन में दीवारों पर अपनी परछाई देखकर नृत्य का अभ्यास करती थी जिसे देखकर मां पागल कहा करती थी।
बोरिंग रोड में खोली थीं डांस एकेडमी
उन्होंने शहर के बोरिंग रोड में सरोज डांस एकेडमी खोली थी । एकेडमी के ट्रेनर मनीष बताते हैं कि 2014 में सरोज खान डांस सीख रहे बच्चों से मिलने आईं थीं। भरतनाट्यम की शिक्षिका और कलाकार नूपुर चक्रवर्ती ने कहा कि डांस एकेडमी में होने के कारण सरोज खान के सामने 2014 में एकल नृत्य करने का मौका मिला था।
बॉलीवुड को दिए थे कई हिट गाने
मिस्टर इंडिया में हवा हवाई (1987) और चांदनी (1989) के गानों कि नृत्यकला के साथ उन्हे ख्याति मिलि थी। बाद में माधुरी दीक्षित के साथ, तेजाब में एक दो तीन (1988), थानेदार में तम्मा तम्मा लोगे (1990) और बेटा में धक धक करने लगा (1992) में ज़बर्दस्त हिट गाने दिये थे।इसके बाद वह सबसे सफल बॉलीवुड कोरियोग्राफरों में से एक बन गई थी।
रियलिटी डांस शो में रहीं थीं जज
सरोज खान दो अन्य जजों के साथ स्टार वन पर प्रसारित शो 2005 में नच बलिए में निर्णायक मंडल के एक सदस्य के रूप में दिखाई दी थीं। दूसरे सीज़न मे भी जज रहीं। वह हाल ही में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन (इंडिया) पर प्रसारित हो रहे जो शो "उस्तादो का उस्ताद ' के लिए एक जज भी रही है। वह सोनी के शो बूगी वूगी (टीवी श्रृंखला) दिसंबर 2008 मे भी दिखाई दी थीं। वह वर्तमान में डांस रियलिटी शो नच लै वे विथ सरोज खान मे भी जज रह चुकी हैं।
मिल चुके हैं कई बड़े अवार्ड
बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए उन्हें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिल चुके हैं जिनमें देवदास का डोला रे डोला और जब वी मेट के गाने हैं। उन्हें कई गानों के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी पुरस्कार भी मिल चुका है जिनमें गुरु 2003, देवदास 2000, हम दिल दे चुके सनम 1998, खलनायक1993, बेटा 1991 सैलाब 1990, चालबाज़ 1989 तेजाब प्रमुख हैं।