एनएमसीएच में फेको तकनीक से मोतियाबिद का आपरेशन बंद, लौट रहे मरीज
नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) के नेत्र रोग विभाग में फेको मशीन तो है लेकिन आपरेशन नहीं हो रहा।
पटना सिटी । नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल (एनएमसीएच) के नेत्र रोग विभाग में फेको मशीन तो है लेकिन इस तकनीक से मरीजों के मोतियाबिद का आपरेशन नहीं हो रहा है। यहां के आपरेशन थिएटर में मशीन बेकार पड़ी है। इसका कैसेट ही उपलब्ध नहीं है। दूरदराज से आने वाले मरीजों को लौटना पड़ रहा है। आंख में चीरा लगाकर मोतियाबिद का मैनुअल आपरेशन किया जा रहा है, लेकिन आंखों के लिए सभी नंबर के पावर का लेंस अस्पताल में नहीं है। मरीजों को लेंस बाजार से ऊंची कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। विभाग की इस कमी को यहां सक्रिय दलालों ने अवसर में बदल दिया है। किसी भी तरह के लेंस से लेकर चश्मा तक उपलब्ध कराने के लिए कई महिला-पुरुष दलाल नेत्र विभाग में घूमकर मरीजों को ग्राहक मान उन्हें फांस रहे हैं।
विभागीय कर्मियों ने बताया कि फेको मशीन का हैंड पीस खराब रहने के कारण करीब तीन सालों तक इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। हैंड पीस लगने के बाद कुछ मरीजों का इस तकनीक से मोतियाबिद का आपरेशन हुआ। एक महीने से इस मशीन का कैसेट खत्म होने के कारण फिर से आपरेशन बंद है। आने वाले अधिकांश मरीज बिना चीरा लगाए फेको से ही आपरेशन कराना चाहते हैं।
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- फेको मशीन का कैसेट उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को लगातार पत्र लिखा जा रहा है। अस्पताल प्रशासन को पूरे मामले से अवगत कराया गया है। चीरा लगाकर मरीजों का आपरेशन किया जा रहा है। सभी नंबर के पावर का लेंस विभाग में नहीं होने के कारण मरीजों को लेंस खरीदना पड़ता है। जिस नंबर का लेंस उपलब्ध है उसके मरीज कम ही आते हैं।
- प्रो. डा. राजेश कुमार तिवारी, विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, एनएमसीएच