बिहार में BJP को कड़ा जवाब, जीतन राम मांझी ने सवर्णों को बताया विदेशी, बोले- मंदिर मत जाएं अनुसूचित जाति के लोग
Bihar Politics राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाने के बाद बिहार में जीतन राम मांझी ने भाजपा को बेहद कड़ा जवाब दिया है। उनके नए बयानों से स्थिति और भी खराब हो सकती है। अब उन्होंने कहा है कि पहले अच्छे लोगों को ही राक्षस कहा जाता था।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: बिहार की सियासत को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Bihar Ex CM Jitan Ram Manjhi) के बयानों ने गर्म कर रखा है। मांझी अपने विवादास्पद बयानों से एनडीए गठबंधन (Bihar NDA) की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा (BJP) के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। पहले उन्होंने भगवान राम (Lord Shriram) को काल्पनिक और रामायण को एक कहानी मात्र बता दिया था तो भाजपा की आपत्ति जताने के बाद उन्होंने दो कदम और आगे बढ़कर बोल दिया है। मांझी ने कहा है कि सवर्ण विदेशी लोग हैं। उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिरों में नहीं जाने की सलाह दे डाली है। उन्होंने राक्षसों के बारे में कहा कि वे अच्छे लोग थे।
भाजपा विधायक के बयान पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
इस बार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सवर्णों को विदेशी बताते हुए कहा कि वे नहीं चाहते कि अनुसूचित जाति के लोग मंदिरों में जाएं। ऐसे में अनुसूचित जाति के लोग मंदिरों का बहिष्कार करें। भाजपा विधायक हरिभूषण बचौल के मांझी को राक्षस कहे जाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि पहले भी जो अच्छा काम करने वाला था, उसे राक्षस कहा जाता था।
कर्नाटक में अनुसूचित जाति के बच्चे को मंदिर जाने से रोकने पर बिफरे
कर्नाटक में अनुसूचित जाति के बच्चे के मंदिर में प्रवेश करने पर जुर्माना लगाए जाने की घटना पर गुरुवार को मांझी ने अपनी नाराजगी का इजहार ट्विटर के जरिए किया था। उन्होंने कहा कि वे सदियों के दर्द को बयान भर कर रहे हैं। गुस्से का अब-तक हमने इजहार कहां किया।
सरकार में शामिल सहयोगी दल भाजपा पर बिना नाम लिये साधा निशाना
भाजपा पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म के राजनीतिक ठीकेदारों की जुबान ऐसे मामलों में खामोश हो जाती है। अब कोई कुछ नहीं बोलेगा, क्योंकि धर्म के ठीकेदारों को पसंद नहीं कि अनुसूचित जाति के लोग मंदिर में जाएं। धर्मिक काव्यों पर टिप्पणी करें। उन्होंने धर्म के ठीकेदारों का नाम नहीं लिया, लेकिन इसे सीधे तौर पर भाजपा की आलोचना माना जा रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाने का विरोध भाजपा के ही कुछ नेताओं ने किया था। मांझी का ताजा बयान भी उसी कड़ी का हिस्सा है।