बिहार में अब पग-पग पर दिखेगा पंचवटी का नजारा, वन एवं पर्यावरण विभाग ने बनाई अनोखी योजना

Bihar News सरकारी अस्पतालों के परिसर में भी प्राथमिकता तौर पर पौधे लगाए जा रहे हैं। अस्पतालों में विशेष रूप से नीम के पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा सरकार खेतों के किनारे भी पौधे लगाने का अभियान चल रही है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 08:53 AM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 08:53 AM (IST)
बिहार में अब पग-पग पर दिखेगा पंचवटी का नजारा, वन एवं पर्यावरण विभाग ने बनाई अनोखी योजना
बिहार में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार चलाएगी अनोखा अभियान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, नीरज कुमार। Amrit Mahotsav: अमृत महोत्सव के मद्देनजर राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने गंगा किनारे (रिवर बेड) और घाटों पर पंचवटी के पौधे लगाने का निर्णय लिया है। पंचवटी के पौधे में पीपल, आम, गूलर, नीम एवं पाकड़ हैं। पौधे तैयार कर लिए गए हैं। ये पौधे वातावरण को काफी मात्रा में आक्सीजन प्रदान करते हैं। अब गंगा के तीरे लोगों को शीतल छांव मिलेगी। बस, इंतजार है तो गंगा का जलस्तर कम होने का। पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह कहते हैं, राज्य को हरा-भरा करने के लिए इस वर्ष पांच करोड़ पौधे लगाने की योजना है। अब तक 70 फीसद पौधे लगाए जा चुके हैं। शेष पौधे अगले माह लगाने की तैयारी है।

अब गंगा तीरे पंचवटी की शीतल छांव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की योजना राज्य को हरा-भरा करने के लिए पांच करोड़ पौधे लगाए जा रहे

सरकारी अस्पतालों के परिसर में भी लगाए जा रहे पौधे

सरकारी अस्पतालों के परिसर में भी प्राथमिकता तौर पर पौधे लगाए जा रहे हैं। अस्पतालों में विशेष रूप से नीम के पौधों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा सरकार खेतों के किनारे भी पौधे लगाने का अभियान चल रही है। इसमें  किसान भी सहयोग कर रहे हैं।

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी कदम

पर्यावरणविद डा. नवीन कुमार का कहना है कि पौधे लगाकर प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। वातावरण में कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा बढ़ने से आक्सीजन की मात्रा काफी घट जाती है। ऐसे में वातावरण को संतुलित रखने के लिए पौधे लगाना बहुत जरूरी है। खासकर पंचवटी के पौधों से आक्सीजन में काफी मात्रा में वृद्धि होती है।

हरियाली बढ़ाने को लेकर कई स्‍तर से प्रयास

राज्‍य में हरियाली बढ़ाने को लेकर कई स्‍तर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए वन एवं पर्यावरण विभाग तो काम कर रही रहा है, मनरेगा योजना को भी इससे जोड़ा गया है। पौधे लगाने के काम को रोजगार सृजन का जरिया भी बनाया गया है। मनरेगा के तहत लगाए गए पौधों की देखरेख के लिए भी मजदूरी का भुगतान किया जाता है।

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