मानसून पूर्व पटना सहित सभी बड़े शहरों में चलेगा अतिक्रमण हटाओ अभियान,आयुक्त-डीएम से मांगा गया भू-अभिलेख

नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव ने सभी आयुक्त और डीएम को पत्र लिखा। मॉनसून से पूर्व पटना सहित सभी बड़े नगर निकायों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जानी है। नए संशोधन के बाद नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारियों अतिक्रमण हटाने के साथ जुर्माना लगा सकते हैं।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 04:14 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 04:14 PM (IST)
मानसून पूर्व  पटना सहित सभी बड़े शहरों में चलेगा अतिक्रमण हटाओ अभियान,आयुक्त-डीएम से मांगा गया भू-अभिलेख
बिहार के पटना शहर की सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो।  नगर निकाय क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू करने से पहले प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नगर निकायों का भू-अभिलेख मांगा गया है। इस बाबत नगर विकास एवं आवास विभाग विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने सभी आयुक्तों और डीएम को पत्र लिखा है। भू-अभिलेख की छायाप्रति संबंधित नगर आयुक्तों और कार्यपालक पदाधिकारियों को उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसमें नगर निकायों के सार्वजनिक मार्ग, पगडंडी, ड्रेनेज, सिवरेज और पार्क की जानकारी मांगी गई है, ताकि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पूर्व अधिकारियों को विस्तृत जानकारी हो।

15 दिन पहले देना होगा नोटिस

नए संशोधन के बाद नगर आयुक्तों और कार्यपालक पदाधिकारियों को अतिक्रमण व अवरोध हटाने तथा जुर्माना का दंड लगाने की शक्ति प्रदान की गई है। स्थायी अतिक्रमण यानी ईट, सीमेंट, कंक्रीट द्वारा निर्मित संरचना को हटाने से 15 दिन पहले नोटिस देने का प्रावधान रखा गया है। 15 दिनों के अंदर उचित जवाब न मिलने पर स्थायी अतिक्रमणकारियों से 20 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। इसके साथ ही होल्डिंग के बकाया के रूप में भी वसूली की जाएगी।

अस्थायी अतिक्रमण पर 24 घंटे की नोटिस

नगर निकाय क्षेत्र में अस्थायी अतिक्रमण 24 घंटे का नोटिस देकर हटाया जा सकेगा। अस्थायी अतिक्रमण पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है। इसमें ऐसी संरचनाएं आती हैं, जिसमें ईट, सीमेंट व कंक्रीट आदि का इस्तेमाल नहीं हुआ है।

अतिक्रमण हटाने को चलेगा बड़ा अभियान

सारी कवायद नगर निकायों में अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर की जा रही है। मॉनसून से पूर्व पटना सहित सभी बड़े नगर निकायों में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जानी है। सबसे अधिक परेशानी बड़े नालों और ड्रेनेज पर स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण से होता है। पहले, अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग लेना पड़ता था। अब जुर्माने सहित कार्रवाई की शक्ति नगर निकायों को ही मिल गई है।

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