जिस दाखिल-खारिज कैंप के नाम पर गायब रहे कर्मी, वह लगा ही नहीं

सुबह के 10 बज रहे हैं। पटना सदर अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज का कैम्प लगना है मगर कोई हलचल नहीं दिख रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jun 2019 01:25 AM (IST) Updated:Fri, 21 Jun 2019 06:33 AM (IST)
जिस दाखिल-खारिज कैंप के नाम पर गायब रहे कर्मी, वह लगा ही नहीं
जिस दाखिल-खारिज कैंप के नाम पर गायब रहे कर्मी, वह लगा ही नहीं

पटना । सुबह के 10 बज रहे हैं। पटना सदर अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज का कैम्प लगना है, मगर कोई हलचल नहीं दिख रही। कैंप लगने की सूचना भी अंचल के नोटिस बोर्ड पर भी नहीं लगी है। सुबह 10:10 बजे कैम्प के नोडल पदाधिकारी सह एडीएम पंकज पटेल अंचल कार्यालय पहुंचते हैं। इस समय तक अंचलाधिकारी और सीए (अंचल निरीक्षक) सहित अधिसंख्य कर्मी अनुपस्थित मिले। बताया गया कि लू लगने के कारण बीडीओ अवकाश पर हैं। सुबह 10:15 तक आधे से अधिक कर्मचारी आ गए थे। एडीएम खुद अंचलाधिकारी की कुर्सी पर बैठ गए और अटेंडेंस रजिस्टर मंगवाई।

दरअसल, डीएम कुमार रवि के निर्देश पर एडीएम अंचल कार्यालय में कर्मियों और अधिकारियों की उपस्थिति का निरीक्षण करने पहुंचे थे। अटेंडेंस जांच के बाद पदाधिकारी ने सवाल किया- 'दाखिल-खारिज का कैम्प कहां लगा है?' जवाब जानने के लिए बड़ा बाबू ने सीओ को फोन लगाया मगर फोन नहीं उठा। सीओ को दोबारा फोन लगाया गया। इस बार फोन उठा।

बड़ा बाबू बोले- सर, एडीएम साहेब अटेंडेंस जांच करने आए हैं। पूछ रहे हैं कि दाखिल-खारिज के लिए कैम्प कहां लगा है? जवाब आया- डीसीएलआर ऑफिस में कैम्प लगा है। अब एडीएम फोन लेकर खुद सीओ से बात करते हैं, कहते हैं, बोलते हैं- अंचल कार्यालय में कैम्प लगना है तो डीसीएलआर के यहां कैम्प क्यों लगवा दिए। आइए साथ में कैम्प में चलते हैं। अंचलाधिकारी करीब एक घंटे बाद कार्यालय पहुंचते हैं।

इस बीच जागरण संवाददाता एडीम से सवाल करता है, कितने कर्मचारी अनुपस्थित मिले? जिला भू-अर्जन पदाधिकारी चौंक जाते हैं। आप यही थे। नहीं.नहीं.. सब ठीक है। डीसीएलआर ऑफिस में दाखिल-खारिज का कैम्प लगा है। अधिकांश कर्मचारी कैंप में हैं।

संवाददाता दाखिल-खारिज कैंप का जायजा लेने डीसीएलआर ऑफिस पहुंचता है, लेकिन वहां कोई कैम्प नहीं मिलता। डीसीएलआर ऑफिस के बड़ा बाबू पूछने पर उल्टा सवाल करते हैं, 'कैंप तो अंचल कार्यालय में लगा है। यहां क्यों लगेगा? अंचल कार्यालय चले जाइए।' यानी दाखिल-खारिज का कैंप तो लगा नहीं, उसके नाम पर कर्मचारी भी गायब रहे। दौड़ते रहे लोग, नहीं मिला कैंप

जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और अंचलाधिकारी एक साथ अंचल कार्यालय से दोपहर 1:30 बजे निकलते हैं। आश्चर्य यह कि कागज पर यह दिखा भी दिया गया कि दाखिल-खारिज का कैंप लगा है। अंचल कार्यालय के कर्मचारी समझते रहे कि डीसीएलआर ऑफिस में कैम्प लगा है, और डीसीएलआर ऑफिस के कर्मचारी ये समझाते रहे कि अंचल कार्यालय में कैंप लगा है। दाखिल-खारिज की शिकायत के लिए ऑफिस आए लोग एक से दूसरे कार्यालय दौड़ लगाते रहे। ऑन लाइन दाखिल खारिज के आवेदन निष्पादन नहीं होने से लोग परेशान हैं।

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